Deepaben Shimpi

Tragedy

2.5  

Deepaben Shimpi

Tragedy

मानवता कहां है ?

मानवता कहां है ?

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यह उस दिन की बात है, जब मैं हाईवे पर घूमने के लिए जा रही थी। रास्ता भरा पूरा था रास्ते पर लगातार गाड़ी मोटरों और ट्रकों की आवाजाही चल रही थी। मैं धीरे धीरे सड़क के किनारे चल रही थी। आंखों की पलक झपकी तक नहीं इतने में ही एक बड़ी सी दुर्घटना हो गई।

       एक बड़े से ट्रक ने एक राह चलते मुसाफिर को कुचल दिया। और वह ट्रक ड्राइवर ट्रक को लेकर वहां से जल्दी भाग गया। रास्ते में पड़े मुसाफिर के शरीर से खून की धाराएं बह रही थी, सर पर भी गहरी चोट लगी थी बड़ा ही भयंकर मंजर था। लोग वहां से गुजर रहे थे उसने वाहन भी आ जा रहे थे लेकिन किसी को कुछ मानो परवाह ही ना हो। लोग देखा अनदेखा करके निकल रहे थे। वो अजनबी से किसी का कुछ रिश्ता नहीं था, पर मानवता का रिश्ता जरूर था।  लेकिन आज कहीं मानवता भी दिखाई नहीं दे रही थी रही थी। मैं तो जैसे स्तंभित हो गई थी।

कहां है मानवता? यह सवाल मन में आ रहा था बार-बार ।



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