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akshata alias shubhada Tirodkar

Abstract

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akshata alias shubhada Tirodkar

Abstract

क्या थी तुम और क्या बन गयी.......

क्या थी तुम और क्या बन गयी.......

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"क्या हो गया जबसे हम मॉल से आये हे तुम किस विचार में डूबे हो "?

"कुछ नहीं" 

"क्या कुछ नहीं "

" कुछ नहीं बाबा" 

"ओके बाबा मत बताओ तुम्हारे लिए कॉफ़ी बना दूं "?

"नहीं मुझे नहीं चाहिए "

"में किचन में हूँ ओके "

"वो रिद्धिमा ही थी कितने दिनों बात देखा हे उसे पर वो पहली के तरह नहीं दिख रही थी "

वो दिन ढला गया सुबह वरुण ऑफिस के लिए अपनी गाड़ी से निकल गया रस्ते ट्रैफिक सिग्नल के कारन उसे रुकना पड़ा तभी उसे फिर से उसे देखा 

अरे ये तो रिद्धिमा हे "रिद्धिमा रिद्धिमा "ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन हो गया और सब निकल गये वो ऑफिस में आ गया पर उसका मन नहीं लग रहा था।"अगर वो रिद्धिमा नहीं थी तो उसने मेरे पुकारने पर मुझे पलट कर क्यों देखा "

रिद्धिमा और वरुण एक ही कॉलेज में पड़ते थे रिद्धिमा तो अपने आप को कॉलेज क्वीन समझ ती थी हर वक़्त अपनी बड़पन की बातें करती थी उसको सबसे हुलमिलन पसंद नहीं था उसका ग्रुप जोड़कर किसीसे उसने कभी बात नहीं की सब उसे अकड़ालु कहते थे एक दिन तो वरुण का बी पाला पड़ा था उसे।फ्रेंडशिप डे था सब एक दूसरे को विश कर रहे थे वरुण ने भी रिद्धिमा को विश किया 

"हैप्पी फ्रेंडशिप डे रिद्धिमा "

"तुम मुझे विश कर रहे हो मुझे तुम्हारी फ्रेंडशिप की जरुरत नहीं "

"अरे मैं ने कब कहा की तुम्हे मेरी जरुरत है में तो बस सबको विश कर रहा था इसलिए तुम्हे भी किया "

"ओके ओके में किसीको भी अपना दोस्त नहीं बनाती समझे "

"ओके रिद्धिमा जैसी तुम्हारी मर्ज़ी "

"अरे वरुण क्यो विश करने गया था उसे देखा ना सबके सामने कैसे बात कर रही थी घमंडी '

"जाने दे विपुल आज के बात नहीं जायेगे हम उस गल्ली में "

साल बिद गए कॉलज ख़त्म हुआ सब अपने अपने रास्ते चले गए और आज अचानक से रिद्धिमा वरुण के सामने आ गयी उस रिद्धिमा में और इस रिद्धिमा में बहोत फरक था वरुण वही सोच रहा था

दूसरे दिन ऑफिस से लौट ते वक़्त वरुण ने देखा रिद्धिमा बस स्टॉप पर खड़ी है उसने अपनी कार स्लो की और 

"रिद्धिमा रिद्धिमा मैं वरुण पहचना "

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"हां पहचाना वरुण "

"कहाँ जा रही हो में ड्राप करूं तुम्हे "

"नहीं मेरी बस आनेवाली है "

"अरे कहाँ जा रही हो में ड्राप करूगा बस से क्यों जा रही हो "

"विल्सन टॉवर वहाँ में काम करती हूँ "

"ओके में उसी रस्ते से जाउंगा बैठो "

"नहीं वरुण थैंक्स "

"अरे आ जाओ "

"ओके" 

"बैठो "

"तो तुम वहाँ काम करती हो ?"

"हां "

"सॉरी वरुण "

"सॉरी क्यों "

"में ने तुम्हारे साथ कॉलज मेँ अच्छा बर्ताव नहीं किया फिर भी तुम्हने मुझे लिफ्ट दी "

अरे वो कॉलेज की बाते तो में भूल भी गया हूँ "

"सो घर में कौन कौन रहता है "

"वरुण मेँ माँ पापा के यहाँ रहती हूँ "

"ओ मुझे लगा तुम्हारी शादी हो गयी "

"हुई थी पर डिवोर्स हो गया "

"क्या "

"हां "

"पर कैसे ?

"में ने एक आमिर लड़के से शादी की लव मैरिज पर उस लड़के ने अपने असली रंग शादी के बाद दिखाए हर वक़्त झगड़ा उसे तंगग आ कर में ने डिवोर्स लिया उसका वो अकड़ालु पन मुझसे बर्दाश नहीं हुआ "

"ओ सो सॉरी" 

"ये मेरे पापो का फल हे में कॉलज में सबको निचा दिखाती थी और आज में ही ज़िन्दगी में निचे गिर गयी "

"पर तुमने दूसरे शादी क्यों नहीं की?

" सबको मेरे स्वभाव के बारे में बता हे इसलिए कोई रिश्ता भी कैसे लाते और अब प्यार में एक बार दोखा खा या हे और फिर नहीं अब तो अकेले रहने है" 

"सो सैड" 

"दुसरो पर हॅसनेवाली में आज सब मुझ पर हंस रहे हैं तुम्हारा मैं ने इतना इंसल्ट किया फिर भी तुमने "

"फॉरगेट रिद्धिमा पुराने ने बातो को भूल जाओ अब तुम ज़िन्दगी कैसे बिताओ गी इसपर ध्यान तो "

"अरे तुम्हारा तो स्टेशन आ गया" 

थैंक्स वरुण अच्छा लगा तुमसे बात कर के "

"तुम टेंशन मत लो ओके "

"क्या तुम मुझे अपना नंबर दे सकते हो "

"अरे हा क्यों नहीं लो "

"थैंक्स वन्स अगेन वरुण बाय "

"बाय रिद्धिमा "

और रिद्धिमा गाड़ी से उत्तर कर चली गयी उसे देखकर वरुण ने बस इतना कहा" क्या थी तुम और क्या बन गयी "।



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