कुली
कुली
स्टेशन की तरफ एक हाथ से ट्राली बैग ले जाते हुए कुली मुझे बार बार आकर पूछ रहे थे,"मैडम,कौन सी गाडी में जाना है? आपको कौन से प्लेटफार्म पर जाना है? लाइए बैग इधर दीजिये।" इन सब आवाजों के बीच मैं ट्रालीबैग को खींचतें हुए 'नहीं'की मुद्रा में सर हिलाते हुए बेपरवाह अंदाज में प्लेटफार्म पर चलने लगी।
अचानक मुझे लगा की आजकल maximum लोग ट्राली बैग ही use करने लगे है।या हम यह भी कह सकते है की आजकल सारी सूटकेस में व्हील लगी होती है।
इन व्हील वाली सूटकेस ने कितनी ख़ामोशी से इन कुलीयों की रोजी रोटी छीन ली? किसी को इस बात का इलहाम भी नही हुआ।
खामोशी से इन कुलीयों की रोजीरोटी छीन ली गयी।उनकी रोजीरोटी जाने पर उन्होंने शोर भी बहुत किया होगा।लेकिन ट्रैन और प्लेटफार्म के शोर में उनका शोर शायद कही दब गया लगता है....