कुछ देर तो रुक जाते पापा
कुछ देर तो रुक जाते पापा
"रिया पापा का कॉल आया था। कह रहे थे तुम्हें कब से फोन ट्राई कर रहे है पर तुम रिसीव नहीं कर रही हो।"..रोहन ने कहा
रिया अपना मोबाईल चेक करते हुए .."हाँ रोहन 15 मिस्डकॉल है। यार वो मोबाईल साईलेंट मोड पर था। ठहरो विडिओ कॉलिंग कर लेती हूँ कहते हुए..रिया ने अपने पापा को फोन मिलाया।
विडिओ कॉलिंग देखते ही पापा ने अपने चेहरे पर एक झूठी मुस्कुराहट लाते हुए कॉल उठाया। क्योंकि पापा जानते थे उन्हें उदास देखते ही रिया सब समझ जायेगी। और कैमरे के सामने मुस्कुराना।अपनी ये तो हमारी फितरत सी हो गई है।
"कैसे हो पापा आप?"
बस बेटा ठीक हूँ। बहुत दिन हुए तुमसे बात नही हो पाई और तुम तो इतनी व्यस्त हो कि फोन भी नही उठाया।
ऐसी बात नही है पापा वो बच्चों को परीक्षा चल रही है। उन्हें पढा रही थी इसिलिए फोन साईलेंट मोड पर था।
ठीक है बेटा अब घर कब आ रही हो? तुम्हारी बहुत याद आ रही थी एक बार आ जाती तो।
क्या पापा आप भी याद आती है तो विडिओ कॉल कर लिया करो ना ऐसा ही लगेगा जैसे मै आपके पास हूँ।फिलहाल तो बच्चों की परिक्षायें चल रही है तो आना मुश्किल होगा।
बेटा बहुत दिन हो गये तुम्हें देखकर मन कर रहा था तुमसे मिलकर मन हल्का कर लूं विडिओ कॉलिंग मे वो बात कहा।और जिंदगी का क्या भरोसा...
क्या पापा आप भी कुछ भी बोलते हो..आपकी तबीयत तो ठीक है ना।
हाँ बेटा बस तुम्हारी याद आ रही थी।
ठीक है पापा बच्चों की परीक्षा खत्म होते ही मै आपसे मिलने आती हूँ आप अपना ध्यान रखना। कहकर रिया ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।
रिया लगता है पापा तुम्हें बहुत मिस कर रहे है। तुम कहो तो कल की टिकट करवा दूंं। तुम एक बार जाकर उनसें मिल आओ वैसे भी माँ के जाने के बाद वे बिल्कुल अकेले हो गये।
हाँ रोहन वैसे तो भैया भाभी बच्चे सब है। पर इस उम्र मे इंसान को अपने जीवनसाथी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आप एक काम करो वीकेंड की टिकट करवा दो।
अच्छा तो मै हम दोनों की टिकट करवा देता हूँ। मेरा भी थोड़ा ऑफिस का काम है तो वो भी हो जायेगा और इसी बहाने पापा से मिलना भी हो जायेगा।
ठीक है रोहन..
रोहन ने शनिवार की टिकट करवा दिये।
शनिवार का दिन था...
"रोहन रवाना होने से पहले पापा को एक कॉल तो कर लेती हूँँ।"..रिया ने कहा
रिया मेरी बात हो गई है मयंक से..अब वहाँ जाकर पापा और तुम जी भरकर बात कर लेना।
एयरपोर्ट पर रिया बार बार अपना फोन चेक कर रही थी।
"क्या बात है रिया बार बार फोन क्यों चेक कर रही हो?"
रोहन एक्चुअली आप जानते हो ना मेरे रवाना होने की खबर सुनते ही हर आधे घंटे बाद पापा का फोन आ जाता है। आज एक भी कॉल नही आया तो.. मेरा मन बहुत घबरा रहा है।
रिया तुम ऐसे ही डर रही हो।पापा किसी काम मे व्यस्त होगे अपने बेटी के आने की तैयारी कर रहे होगें तो तुम्हें कॉल नहीं किया होगा.. चलो अब बोर्डिंग का टाईम हो गया है।
रिया ने भी सोचा ठीक है घर जाकर ही पापा को सरप्राइज देती हूँ।
रोहन और रिया जैसे ही उदयपुर पहुंचे रिया ने अपना मोबाइल ओन किया..
रोहन ये मयंक के इतने सारे मिस्ड कॉल क्यों है..
रोहन ने अपना मोबाईल चेक किया हाँ यार मेरे मोबाईल पर भी है।
दोनो ने फोन लगाया पर फोन एंगेज आ रहा था ..
ठिक है रिया यहाँ से कुछ ही मिनटों का रास्ता है चलो घर जाकर ही बात करते है।
रिया जैसे ही घर के दरवाजे पर पहुंची बाहर तक जोर जोर से रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी उसका दिल जोर जोर से धडक रहा था दिमाग किसी अनहोनी का अंदेशा दे रहा था।
वह जैसे ही अंदर गई मयंक उसके गले से लग गया.. दी आपने बहुत देर कर दि। अंत समय तक पापा के होंठों पर एक ही नाम था मेरी गुडिया, मुझे मेरी गुडिया से बात करनी है अभी दो घंटे पहले तो बिल्कुल ठीक थे फिर अचानक से दिल का दौरा पडा और.... वह फफक फफक कर रो पडा..
भाई की बात सुन उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।वह बूत बन जमीन पर बैठ गई जैसे अपनी सुधबुध खो बैठी हो।
वह एक जिंदा लाश की तरह बैठी रही...शायद पापा मै आपके बुलाने पर आ गई होती। शायद एक आखिरी बार आपसे बात कर लेती। क्यों छोड कर चले गये पापा आप मुझे ? पहले तो घंटों मेरे आने का इंतजार करते और आज कुछ देर भी नही रुके...क्यों पापा, क्यों कहते हुए वह छोटी बच्ची की तरह जोर जोर से रोने लगी। एक बार उठ जाओ पापा मुझसे बात करो,मुझसे बात करो पापा प्लीज पापा उठ जाओ। उसे देखकर हर किसी की आंखें भर आई..
दोस्तों अक्सर हम अपनी लाईफ मे इतने बीजी हो जाते है कि अपनो के लिए भी समय नहीं निकाल पाते। मोबाइल और इंटरनेट के इस जमाने मे हम विडिओ कॉलिंग कर सोचते है अपनो से मिलना हो गया। पर ये भूल जाते है कैमरे के सामने मुस्कुराना तो हमारी आदत सी हो गई है इसिलिए विडिओ कॉलिंग से हम अपनो का चेहरा देख सकते लेकिन उनके मन के भाव नही पढ सकते। समय रहते अपनो के लिए वक्त निकाल लिया करो वरना बाद में पछतावा करने से कोई फायदा नहीं।
