कोरोना वायरस की कहानी
कोरोना वायरस की कहानी
नोवेल कोरोना वायरस अब दुनिया के 180 से अधिक देशों में फैल गया है और इसके कारण 15000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे एक महामारी घोषित किया है। इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन, अमेरिका में सामने आए हैं। भारत में भी यह तेजी से फैल रहा है।
नोवल कोरोना वायरस मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होता है। इसकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी अभी उपलब्ध नहीं है। नोवेल कोरोना वायरस को वुहान कोरोना वायरस भी कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसका नाम COVID-19 रखा है। लैटिन भाषा में 'कोरोना' का अर्थ 'मुकुट' होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढाँचों से इलेक्ट्रान सूक्षमदर्शी में मुकुट जैसा आकार दिखता है, इसी आधार पर इस वायरस का नामकरण किया गया है।
नोवेल कोरोना वायरस की पहचान सर्वप्रथम दिसंबर 2019 में वुहान, हूबेई, चीन में की गई। इसके पशुजन्य रोग होने के संकेत मिलते हैं। इस वायरस से संक्रमित पहले ज्ञात रोगी वुहान के एक ऐसे बाज़ार से सम्बन्धित थे, जहाँ तरह-तरह के प्राणी माँस के लिए बिकते थे। ऐसी आशंका जताई गई है कि चमगादड़ जीव के भक्षण से यह मानव में संक्रमित हुआ है।
इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुखार, उसके बाद सूखी खांसी आती है। बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है। वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है। कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है, जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से भ्रमित हो सकता है।
कोरोना वायरस से बचने के लिए नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोने चाहिए। कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर खुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए। अतः प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला खान-पान आपके लिए लाभकारी रहेगा। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें। जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं तो उन्हें डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल नहीं जाना चाहिए बल्कि अपने इलाके में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फोन पर या ऑनलाइन जानकारी लेनी चाहिए व हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करना चाहिए। यदि आप विदेशी यात्री हैं तो जब तक जांच न हो जाय तब तक दूसरों से दूरी बनाए रखें। खान-पान में विटामिन-सी युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करें। धूप में रहें। बासी और ठंडे भोज्य पदार्थों का सेवन ना करें। यह वायरस 26 से 27 डिग्री तापमान होने पर मर जाता है, इसलिए गर्म पानी पिएं और सूरज की धूप लेें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों में जाने से बचें।