SNEHA NALAWADE

Drama

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SNEHA NALAWADE

Drama

कोरोना और मै...

कोरोना और मै...

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कोरोना जो एक एेसी माहमारी है जो बूरी तरह से फैल रही है इसकी शुरूआत चाइना से हुई डिसेबर महिने में कहा पता था की यह हमारे देश में भी आ जाएगा। मार्च महिने मे इसने भारत में प्रवेश किया तब पता चला यह पहले से ही था।यह एेसी माहमारी है जिसे हम देख नहीं सकते पर यह हमारे आस पास ही घुमता रहता है बेहतर है कि इससे बचने के लिए पूरी सावधानी परखे।

मार्च महिने की इक्कीस तारिक से हमारी परिक्षा थी परंतु कोरोना की वजह से मार्च महिने की आखिर तक आगे के लिए स्थगित कर दिया गया लोकडाउण कर दिया। हर शिष्य की तरह मै भी संतुष्ट हो गई। चलो पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी पर कहा पता था आगे मौत का भवंडर है।

इधर मार्च महिना खत्म होने आया और दूसरी तरफ बडते हुए मरीज जिसे देखते हुए मोदी जी ने लोकडाउण को बडाने की घोषना की पूरे 21 दिन के लिए ना कही जाना है ना ही कुछ करना है सिर्फ घर में पैठना है महत्वपूर्ण कार्य हो तो ही सिर्फ बाहर निकलना है वरना बिलकुल भी नहीं। यह सूनकर तो हालात काफी चिंताजनक हो गए। एक तो घर में पूरा दिन बैठने की आदत नहीं कही जा नहीं सकते परिक्षा होने के बाद बहुत कुछ करने केबारे में सोचा था कम्पनी जोइन करने का दीदी को मिलना था गॉव जाना था पर हालात को देखते हुए कोई भी एक जिलहे से दूसरे जिलहे नहीं जा सकता। गॉव जाने का तो अब सवाल ही नहीं आता।बाहर सिर्फ सब्जी लेने या जरूरत की चिज लेने के लिए मम्मी बाहर जाती हैं उनमे से कुछ चिज तो मिलती नहीं है। पर अभी फिलाल के लिए जो है उसी में ही काम चलाना होगा।

देखते ही देखते 21 दिन का लोकडाउण भी खत्म होने आ गया उसी बिच मोदी जी ने फिर से घोषना कर दी की 3 मई तक लोकडाउण बडाया जाएगा कुछ नियम और शर्त रखी गई जो हर किसी को पालन करना अनिवार्य है।

अगर कोई एेसा नही करता है तो उस पर सरकार कुछ फैसला करेगी।

पुणे और मुंबई में माहमारी बडती ही चली गई। इधर दूसरी और हमारी परीक्षा का क्या होगा कैसे होगा इसकी चिता वो अलग ही। सोशल मीडिया पर किए जाने वाले जोक पढकर लगता था जैसे आखिर यह सब कुछ करके आखिर क्या कहने चाहते हैं क्या यह सब करना ठिक है अगर खुद को इसका सवाल पूछा जाए तो शायद इसका जवाब मिल जाए। अभी तो सिर्फ 3 तारिक आने का इंतजार है क्या होने वाला है कुछ पता नहीं हमारी परिक्षा का भी उसी पर सब कुछ निर्भर हैं पर फिर भी हालात को देखते हुए लोकडाउण तो बडेगा पुणे और मुंबई में इतना जरूर है। लोग यहा पर घर पर बैठे बैठे बोर हो रहे हैं ऐसे हालात मे इस लोकडाउण का पूरी तरह से फायदा उठाया कुछ अलग कुछ नया करने का अवसर मिला है यह वापस नहीं मिलेगा

तो क्यूँ ना कुछ अलग किया जाए खुद को तराशा जाए...


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