कॉर्पोरेट
कॉर्पोरेट
सुबह से जल्दी में है रिया ,उसके ऊपर पानी की समस्या है। पानी के लिए कितना समय बर्बाद होता है। एक कॉर्पोरेट कंपनी में सुबह १० बजे उसकी इंटरव्यू है। वो कैसे बाहर निकले समझ नहीं पाती।किसीभी तरह तैयार हो कर वो घर से निकली। एक चौंकाने देने वाली बरी कंपनी में रिसेप्शन पर रिया पहोची और उन्हें एक सम्मेलन कक्ष में ले जाया गया। जहा और भी बहत लोग साक्षात्कार के लिए इंतजार कर रहे थे। रिया को समय पर बुलाया गया। बॉस इंटरव्यू कर रहे थे। रिया को लगा कि उसकी इंटरव्यू अच्छी थी। रिया को नौकरी की सख्त जरूरत है। तेरह साल के करियर में वो कभी इतनी परेशानी का सामना नहीं की। अपने वर्तमान कंपनी के स्टाफिंग स्कीम में नाम आने के कारण, उसे एक नई नौकरी की तलाश में निकलना परा।
वो, उसका पति, उसकी छोटी प्यारी लड़की, सास और ससुर , रिया की दुनिया इसी मैं समायी हुयी है।
अच्छा ही चल रहा था सब। रिया के पति मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं। लेकिन रिया की नौकरी बीच में ही छूट गई। ससुर जी की पेंशन का पैसा दबाई मैं ही चली जाती है। रिया और उनके पति राजीव पिताजी को उनकी बची कुछ पूंजी बैंक मैं ही जमा रकने को बोले है भविष्य के लिए। रिया और उसके पति ने ही परिबार चलाने का भार लिया है। लेकिन रिया अब क्या करे पुराणी नौकरी जाने वाली थी , अकेला राजीव परिवार चला नहीं पायेगा।रिया को भी राजीव के साथ मिलके परिबार को चलना होगा। हालांकि, रिया को इंटरव्यू आज सकारात्मक लगा।
दोपहर को सोये हुए रिया सोच रही थी कि क्या होगा।बेटी अपने स्कूल में बहुत अच्छी है, अगर रिया को नौकरी न मिली तो बेटी बरी को स्कूल छुड़वाना पड़ेगा। क्योंकि परिवार, बेटी के स्कूल और अन्य प्रासंगिक खर्चों को संभालने के लिए राजीव अकेला काफी नहीं है।
इसके अलावा, रिया को अपने पिता माता की देखभाल करनी होगी ,अपने बूढ़े पिता और माँ को .पैसे से मदद करनी होगी। जब इन चीजों के बारे में बो सोच रही थी तभी मोबाइल के रिंग में उसकी आधी नींद टूट गई थी। हैलो "श्रीमती रिया विश्वास कहती है ?" पहले तो उसे विश्वास नहीं हुआ, फिर धीरे-धीरे रिया को बिस्वास हुआ के उसे नौकरी मिल गयी। नया काम मिल गया। इस बार के लिए बेटी को स्कूल नहीं छुड़वाना पड़ेगा। रिया ने खुद को बहुत हल्का महसूस किया।
नयी ऑफिस में रेया का पहले दिन अच्छा ही गया।
रिया को अपने सीनियर्स अच्छे लगने लगे।कुछ दिनों मैं ही वो बहत नाम कर ली अपने ऑफिस मैं, अपने काम के लिए बॉस उसे साबासि भी देने लगे।।लेकिन अचानक स्थिति बदलने लगी।जो बॉस रिया पे इतना भरोसा करते थे अचानक से बो ही रिया को ताना मारने सुरु कर दिए। रिया को कुछ भी समझ मैं नहीं आ रहा था। रिया ने उसकी सीनियर से कहा बॉस के साथ बात करने को।पर उस सीनियर ने बॉस के साथ बात करके रिया को कहा के उसे नौकरी चोरनी होगी। हालाकि सीनियर ने बहत प्रयास किया रिया की नौकरी बचाने की पर वो कुछ कर नहीं पाए।रिया समझ नहीं पा रही थी के उसे क्या करना चाहिए. हलाकि उसका कोई कसूर था ही नहीं। वो अकेले रो रही थी। तब उसकी एक सहकर्मी ने उसे बताया के उसकी सीनियर नहीं बॉस को भड़काया है। क्युकी बो रिया को पसंद करता था और उसकी नियत ख़राब थी। रिया कभी सोच ही भी नहीं थे के जिस सीनियर को बो इतना मान देती थी उसकी नियत मैं खोट था।
रिया हैरान थी। अईसा भी हो सकता है उसने सोचा न था।
सीनियर धीरे-धीरे उस पर दबाव डालने लगे नौकरी चोर्ने के लिए।अपने ही किसी परिचित एक लड़की को रिया के जगा पे नौकरी में रखने के लिए वह बेचैन हो उठा।रिया किसी भी तरह नकरी नहीं चोर न चाहती थी। पर उसने अपने ही सीनियर का इतना घिनोना चेहरा देख लिया था के उसे यह रहना भी मंज़ूर नहीं था। उसने बहत सोचा। अपने परिवार के बारे मैं। अपने बेटी के बारे मैं। लेकिन उसका बिवेक उसे रोक रहा था।बो रिजाइन कोर चुकी और यह फैसला किया के बो फिर से एक नए सिरे से सब शुरु करेगी। जीवन संग्राम मैं उसे चलते जाना है। अपना सम्मान, अपनी वजूत बचाके उसे अपनी परिवार को संभालना है।