कनखजूरा
कनखजूरा
एक दिन एक कनखजुरा जूतों के शो रूम में घुस गया वहाँ पर जूते देख उसको पहनने की इच्छा होने लगी। कनखजूरा दुकान के मालिक के पास जा कर बोलता है हमें भी जूते लेना है? ये सुनकर दुकान का मालिक हँसने लगा तो कनखजूरा तो गुस्सा आया पर जूते तो लेना थे, इसलिए वह चुप रहा और बोलने लगा दादा हमें भी जूते दिखा दो, हँसते हुये दुकानदार बोला जाओ अपने पापा को ले आओ फ़िर हम देंगे तुम्हें जूते। सुनकर कनखजूरा चला जाता और अपने पापा से बोलता एक दुकान में हम जूते देख कर आये है उस दुकान पर बहुत अच्छे जूते है। हमें तो जूते लेना है । दुकानदार बोल रहा है आप चालों तो जूते देगा। यह सुन कर कनखजूरा का पापा भी हँसने लगता है, (न जाने का बहाना बनाता है) आज हमें पीपल के पेड़ के नीचे जाना है कल के खाने का इंतजाम करना है फ़िर टाइम मिला तो चलेंगे,(कनखजूरा को डांटते हुये) तुझे तो कुछ करना नहीं बस इस घर में घूमना उस घर में घूमना तेरा तो रोज यही चलता है। यह सुन कनखजूरा बोलता है चलो पापा आज मैं भी चलता हूँ खाने का इंतजाम करा लेता हूँ फ़िर जूते देखने चलते है। यह सुनकर कनखजूरा का पापा मन ही मन मुस्कुराता है और बोलता अच्छा चलो दोनों पीपल के पेड़ की ओर चलते है रास्ते में कनखजूरा बोलता है, पापा पता है आपको वो नीला वाला जूता है वो मेरे पैर पर बहुत अच्छा लगेगा न हमें वो नीला और सफ़ेद बहुत अच्छा लगा पापा दोनों अपनी मस्ती में जा रहे थे तभी कनखजूरा के पैर में काँटा लग जाता है खून को देख कर रोने लगता है। कनखजूरा के पापा उसका काँटा निकालते है, कनखजूरा रोते हुये बोलता पापा आज हम जूते पहने होते तो काँटे नहीं लगते। यह बात कनखजूरा के पापा को समझ आ गई अब दोनों पीपल के पेड़ के नीचे खाने का इंतजाम करते है फिर जल्दी से दोनों उसी जूते की दुकान पर पहुंचते है दुकानदार से बोलते है दादा हमें वो नीला वाला जूता दिखाओ, दुकानदार माफ़ करो हम कीड़े मकोड़े के जूते नहीं बेचते है यह सुनकर कनखजूरा को बहुत गुस्सा आया और रोने लगा अब तो वो ज़िद पर आ गया आप तो हमें जूते दिखाओ यह सुन कर दुकानदार बोला ठीक है हम जूते है देते है पर हमें अपना पैरों का साइज बताओ और पैर गिन कर बताओ......
दोनों एक दूसरे की तरफ दिखते और रोते हुये बाहर आ जाते है अपने पेड़ की तरफ चलते है रास्ते में एक मोची मिलता है कनखजूरा तो रोते हुये दिख कर पूछ लेता है, क्या हुया क्यों रो रहे हो तभी कनखजूरा के पापा बोलता है अरे मोची भाई क्या बताऊँ आपको मेरे बेटे को एक नीला कॉलर का जूता बहुत पसंद आया था हम लेने गये थे पहले तो बोलता हम दे देंगे फिर बोलता पैर गिन कर बताओ अरे हम लोग कैसे अपने पैर गिने हमें कोनसा गिनना आता है और हमने तो बोला था कि हम एक महीने तुम्हारी पूरी दुकान साफ़ करेंगे और जो भी काम होंगे वो पूरे करेंगे यह सुनकर मोची को दया आ जाती है और बोलता है में तुम्हें बहुत अच्छे जूते बना देंगे पर तुम्हें पूरे 3 महीने मेरे घर पर रह कर काम करना होगा यह सुन कनखजूरा बहुत खुश होता है और मोची के घर का काम बहुत प्यार से करता है।।।
