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Sana Hashmi

Romance Fantasy

3  

Sana Hashmi

Romance Fantasy

कितनी मुहब्बत करते हो मुझसे??

कितनी मुहब्बत करते हो मुझसे??

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अभी 3 महीने ही गुज़रे थे उन दोनों को बातें करते हुए, फ़िर भी न जाने क्यों इतना लगाव था दोनों को आपस में, जैसे काफी समय पुराना रिश्ता हो इनका। पूरा दिन चिट चैट करते, कॉल करते फिर भी इनकी बातें खत्म नहीं होती! अपनी ज़िंदगी की हर बातें एक दूसरे से शेयर करते थे दोनों! ये दोस्ती कब प्यार में बदल गई पता नहीं चला!


इंस्टाग्राम पर एक लाइव के दौरान उनकी मुलाकात हुई थी। हालाँकि जानते तो वो एक दूसरे को पहले से थे, मगर कभी बात नहीं हुई थी, हाँ फॉलो करते थे एक दूसरे को इंस्टाग्राम पर!


सनाया को पर्व पहले इतना तो पसन्द नहीं था मगर हाँ आज कल वो पर्व के ही बारे में सोचती रहती थी, और पर्व भी अपने बिज़ी शेड्यूल होने के बावजूद उसको मेसेज करता था! उसका ख़्याल रखता था! दूर होकर भी अपने करीब होने का एहसास दिलाता था! पर्व ने उसको कई बार प्रपोज़ किया मगर सनाया टाल देती थी हालांकि जवाब तो वो भी देना चाहती थी मगर पता नहीं किस वजह से वो ख़ुद को रोकती थी!


एक दिन पर्व की नाराज़गी उसको परेशान कर गई, वो बहुत उदास थी और पर्व से बात करने के लिए भी बेक़रार थी.. जब उसकी बात हुई पर्व से तो उसने भी बातों-बातों में इज़हार कर दिया! सनाया से ये इक़रार सुन कर पर्व भी बहुत खुश था और सनाया भी..!


3 महीने बीत चुके थे और पर्व सनाया से मिलने उसके शहर आया, बहुत उत्सुक थे दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए और झिझक भी रहे थे! सनाया अपनी बहन के साथ मिलने आई! ये एक फैमिली मीटिंग साबित हुई क्योंकि यहाँ दो प्रेमी नहीं मिले थे! दीदी के सामने दोनों ही कुछ बात नहीं कर पा रहे थे तो सनाया कॉल करने रेस्तरां के बाहर गई, फिर उसने मेसेज कर के पर्व को भी बाहर बुलाया, पर्व बाहर आ गया सनाया के मेसेज पर!


30 मिनट में, वक़्त थम गया था इनके बीच! पहली दफ़ा दोनों ने एक दूसरे को आमने सामने और इतने करीब से देखा था! सनाया आज बड़ी ख़ामोश और शर्मीली सी लड़की बन गई थी वर्ना आज से पहले वो पर्व से कभी नहीं शर्माई थी!


पर्व ने उसका हाथ पकड़ कर उसकी तारीफ की, और अपनी मुहब्बत का इज़हार किया तो वो घबरा गई!

फिर सुनाया ने पूछा :- कितनी मुहब्बत करते हो मुझसे?

पर्व ने कहा :- बेइंतहा!!

सनाया ने पर्व के चेहरे से अपनी नजरें हटा कर, सिर झुकाया और मुस्कराने लगी! पर्व ने उसे अपने सीने से लगा लिया, मानो जैसे पूरी दुनिया उसकी बांहों में सिमट गई हो! और वक़्त भी रुक सा गया हो..!

पर्व ने उसके कान में कहा, मैं तुम्हें बहुत जल्दी लेने आऊंगा, मेरा इंतज़ार करना..!!


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