दस साल की गृहस्थी में प्रतिमा हमेशा ही झुकती आई थी लेकिन आज उसका मन विचलित था दस साल की गृहस्थी में प्रतिमा हमेशा ही झुकती आई थी लेकिन आज उसका मन विचलित था
वो बहुत उदास थी और पर्व से बात करने के लिए भी बेक़रार थी वो बहुत उदास थी और पर्व से बात करने के लिए भी बेक़रार थी
वह गयी और शीघ्र लौट आयी, चेहरा फूल सा खिला हुआ था। वह गयी और शीघ्र लौट आयी, चेहरा फूल सा खिला हुआ था।
क्या होता है जब सुशील को यकीन हो जाता है कि राखी का प्रेम सिर्फ एक ढोंग है और वो उसे सिर्फ और सिर्फ... क्या होता है जब सुशील को यकीन हो जाता है कि राखी का प्रेम सिर्फ एक ढोंग है और व...