Dr. Chanchal Chauhan

Inspirational Others

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ख्वाहिश का पिटारा नहीं

ख्वाहिश का पिटारा नहीं

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"माँ, तुम माँ के अलावा एक इंसान भी हो, कोई ख्वाहिश पूरी करने का पिटारा नहीं " अंजली ने माँ से कहा।

परिवार ने उसके लिए फैसले लिए कि उसे क्या पकाना है। कैसी साड़ी उस पर फबेगी।  माँ व उसकी इच्छाएं, शौक़,  जो परिवार ने मिल कर दफन कर दिया था।

अब घर और चूल्हा चौका ही माँ का जीवन हो चुका था।

अंजलि काफी समय से मां को इस तरह देखती। उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं था।

अंजली ने फैसला लिया कि वो माँ को उसके शौक व इच्छाओं को पुनः जाग्रत करेगी।

आज अंजली ने माँ के पसंद का खाना बनाया और उनका शौक गाना गाने के कहा। 

मां को ऐसा लगा जैसे पंख उसको मिल गए हो उड़ने के लिए।

बहुत दिनों बाद मां को ऐसा लगा जैसे उसने अपने दिन जीये।

मां अक्सर मन ही मन जो गाना गुनगुनाती थी आज उसने सबके सामने सुनाया।

सब लोगों ने मिलकर गाना सुना। गाना बहुत ही खूबसूरत था । सब ने मां के गाने की खूब प्रशंसा की। आज माँ प्रसन्न व उसके चेहरे पर चमक है। घर का वातावरण बदला-बदला सा नजर आ रहा है चारों और प्रसन्नता ही प्रसन्नता है।


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