वैज्ञानिकता से वर्णमाला
वैज्ञानिकता से वर्णमाला
हिन्दी, हमारी मातृभाषा, हमारी समृद्ध विरासत का अनमोल खज़ाना है। इसका हर एक शब्द हमारे इतिहास व संस्कृति का अंश सहेजे हुए है।
"हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है।"
मैथिलीशरण गुप्त कथन
आज के छात्रों को शायद नहीं पता होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला वैज्ञानिकता से भरी है । वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक हैं और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है..इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में शामिल नहीं हैं ।जैसे-
◆ क ख ग घ ङ - पाँच के इस समूह को 'कण्ठव्य' या 'कंठ्य' कहा जाता है, क्योंकि इस का उच्चारण करते समय कंठ से ध्वनि निकलती है। उच्चारण का प्रयास करें।
◆ च छ ज झ ञ - इन पाँचों को "तालव्य" कहा जाता है, क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ तालु से स्पर्श होती है। उच्चारण का प्रयास करें।
◆ ट ठ ड ढ ण - इन पाँचों को मूर्धन्य या मूर्धव्य कहा जाता है क्योंकि इसका उच्चारण करते समय जीभ मूर्धन्य (ऊपर उठी हुई) महसूस करेगी। उच्चारण का प्रयास करें।
◆ त थ द ध न - पाँच के इस समूह को दन्त्य या दंतव्य कहा जाता है, क्योंकि यह उच्चारण करते समय जीभ दांतों को छूती है। उच्चारण का प्रयास करें।
◆ प फ ब भ म - पाँच के इस समूह को कहा जाता है ओष्ठव्य या ओष्ठ्य। क्योंकि दोनों होठ इस उच्चारण के लिए मिलते हैं। उच्चारण का प्रयास करें।
◆ क्या दुनिया की किसी भी अन्य भाषा में ऐसा वैज्ञानिक दृष्टिकोण है? हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व की आवश्यकता है। लेकिन साथ ही हमें यह भी बताना चाहिए कि दुनिया को क्यों और कैसे बताएँ दूसरों को भेजे और हमारी भाषा का गौरव बढ़ाए ।