Swati Rani

Thriller Horror

4.7  

Swati Rani

Thriller Horror

खूनी दुल्हन

खूनी दुल्हन

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सुनसान सड़के,बत्ती गुल और घने जंगल का रास्ता....मन मे हनुमान चालिसा दोहराए अजय सरपट भागा जा रहा था !

अपनें कदमों की आहट खुद सुनाई दे रही थी उसको ,सासें तेज हो रही थी, उस सेठ के मन में घबराहट भी थी, काश जल्दी से घर पहुँच जाऊँ,इस रास्ते पर चोर बहुत घूमते हैं !

तभी पीछे से आवाज आई ,"जो कुछ भी तुम्हारे पास है दे दो, वरना खोपड़ी खोल दूंगा" !

आखिर जिसका डर था वही हुआ, ये गली थी ही बदनाम चोरों के लिए !

अजय ने सारे पैसे दे दिये बोले, "अब तो जाने दो" ! 


"अब तो तूने मुझे देख लिया है, तूझे मारने में ही मेरी भलाई है", चोर बोला !

अजय बोला, "रूको मैं तुम्हे कुछ ऐसा दे सकता हूँ, जिससे तुम्हारी ज़िंदगी बदल जाएगी, चोरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और तुम इज्जत कि जिंदगी जी पाओगे,पर तुमहें मुझे वादा करना होगा, तुम मुझे मारोगे नहीं",चोर बोला ठीक है ! 

अजय ने उसे एक बक्सा दिया, जिसमे आईना था !

 अजय बोला "इसको अकेले में खोलना और एक माचिस कि तिल्ली जलाना और 3 बार बोलना,"खूनी दुल्हन, खूनी दुल्हन,खूनी दुल्हन", फिर तुम जो मांगोगे वो दे देगी" !

चोर बोला,"क्या ये पैसा देगी"? 

अजय बोला " हाँ ! पर एक शर्त है, जब भी तुम ये बक्सा किसी और को देना,सारे नियम बता के देना, बिना किसी को बताये इसको कहीं रख आए, तो ये फिर तुम्हारे पास ही आ जाएगा और हा इसको खत्म भी करने की कोशिश मत करना वरना अंजाम बहुत बुरा होगा " ! 

चोर बोला,"मैं इस अल्लादीन के चिराग को किसी और को क्यूॅ दूं भला" ! 

चोर खुशी खुशी बक्से के साथ घर चला आया ! 

अब वो चोर घर आकर उस बक्से को लेकर पहुंचा एक रुम में, वहाँ फटाफट बक्सा खोला, एक माचिस जलाई और तीन बार बोला, " खूनी दुल्हन, खूनी दुल्हन, खूनी दुल्हन" ! 

अचानक आईने मे तेज रौशनी हुई वो डर कर पीछे हट गया, उसकी तो सांसे ही रूक गयी मानो जैसे , सामने का नजारा जो इतना भयावह था ! 

सामने ईसाईयों के दुल्हन के सफेद ड्रेस में जिसपर खून के धब्बे थे, सजी हुई एक लड़की थी !बाल बिखरे हुए,आंखो से खुन टपक रहा था, चेहरा आधा जला था, उसमें से हड्डी दिखाई दे रही थी, रुंह कपाने वाली आकृति थी उसकी !

वो बोली ,"बोलो क्या चाहिए तुम्हे? पर एक शर्त है जो तुम मांगोगे,उसकी कीमत किसी और को चुकानी पड़ेगी " ! 

चोर बोला, "ले लेना, पर फिलहाल मुझे पैसे चाहिऐ" !

दुल्हन ने अट्टहास किया और बोली,"लालची, लालची,तूने वहीं मांगा जो सब मांगते है" !  

हा हा हा !हा हा हा...... 

अचानक पैसे की बारिश होने लगी चोर पागल हो गया खुशी से !

चोर ने पूछा, "पर तुम इतने पैसे लाई कहा से" !

दुल्हन हंसी और बोली, "तुमहे इससे क्या तुम मजे करो" ! 

 एक भयानक चित्कार के साथ वो गायब हो गयी !

अगले दिन सुबह वो पान के दुकान पर गया तो पता चला, अजय (जिसके उसने पैसे लुटे थे) वो शहर के जाने माने पैसे वालो में से एक था, वो रहस्यमयी तरीके से मरे पाये गये और उनके पैसे भी गायब थे,चोर को बड़ा अजीब लगा ! 

10 साल बीत गये अब इस बात को, अब वो चोर शहर का बडा़ रईस सुरेश बन गया था ! उसने उस बक्से को तहखाने मे रख दिया जहाँ उसके परिवार का कोई 

सदस्य नहीं जाता था ! उसके ताले की चाबी सिर्फ उसी के पास थी, यहाँ तक की उसने अपनी बीवी और बच्चो को भी कुछ नहीं बताया था !

एक दिन हुऐ की बेटी का एक्सिडेंट हो गया , जिसमें वो बुरी तरह जख्मी हो गयी, वो बहुत दुखी था !

 उसको उस बक्से की याद आयी, वो तहखाने में गया, बक्सा खोला, माचिस जलाई और 3 बार पुकारा ! 

"खूनी दुल्हन, खूनी दुल्हन, खूनी दुल्हन" !

वो अट्टहास करती हुई आयी, फिर से वही भयानक चीत्कार वाली हंसी लिए, बोली, "कहो बहुत दिनो बाद याद किया ! 

सुरेश बोला, "मेरी बेटी को बचा लो, खूनी दुल्हन !

 वो बोली, "पर शर्त याद है ना किसी एक को अपनी जान देनी पड़ेगी ! 

सुरेश ममता में अंधा हो गया था बोला, "ठीक है, तुम मुझे मार दो पर मेरी बेटी को बचा दो ! 

वो दुल्हन अपने काले दांत निपोरते हुए बोली,"नहीं जिसे मैं चाहूगी वो मरेगा" ! 

हा हा हा... हा हा हा... 

फिर उसे आईने मे दिखा सामने वाले पड़ोसी की बेटी जख्मी हो गयी थी ! 

सुरेश को बुरा लगा बचपन से उसे देखा था, वो बोला,"अब मैं कभी तुम्हारे पास नहीं आऊंगा" ! 

वो दुल्हन हंसते हुए बोली,"इंसान लालची होता है ,तुम फिर आओगे" ! 

हा हा हा.. हाहा हा.... 

सब ठीक चल रहा था,अचानक एक दिन सुरेश कि बीबी को दिल का दौरा पड़ा, डाक्टर ने जवाब दे दिया कि ये नहीं बचेंगी ! 

सुरेश परेशान हो गया !

सुरेश कि बीबी रोने लगी की वो अपने वारिस का मुंह भी ना दे ख पाएगी ! 

सुरेश ने फिर से उस आईने के पास जाने कि सोचा और सोचा ये आखिरी बार है ! 

वो दुल्हन फिर से आयी अट्टहास करते हुई बोली, "देखा आ गया ना, बोल क्या चाहिए"?

"मेरी बीबी को वारिस का मुंह दिखा दो खुनी दुल्हन" सुरेश गिड़गड़ाने लगा ! 

"पर शर्त याद है ना" खूनी दुल्हन बोली ! 

वो बोला "हा याद है" ! 

वो दुल्हन जोर से हंसी !

अचानक शीशे में सेठ को अपने बेटे की लाश दिखाई दी, 

वो जोर जोर से रोने लगा !

दुल्हन बोली क्यों इस बार दुख कुछ ज्यादा हुआ क्योंकि अपना बेटा मरा ! 

हा हा हा.. हा हा हा.... 

वो बक्सा उठा के फेंकने ही वाला था कि आवाज आयी "खबरदार ऐसा करना भी मत, सारा परिवार तबाह हो जाएगा तुम्हारा" !

"नियति को बदलोगे तो यही होगा, मैंने भी यही किया था, मेरे हाथ मे शादी का सुख नहीं था,पर मैनें किया , दो दिन बाद ही मेरे पति मर गए और ससुराल वालों ने मुझे भी जला के मार दिया, तब से ये आईना ही मेरा घर है और मै सबको बताती हुं नियति को मत छेड़ो" !

हा हा हा... हा हा हा... 

सुरेश रोने लगा कहा ,"मैने अपने वारिस से उसके पिता का साया छिन लिया" ! 

खूनी दुल्हन बोली, "ये बक्सा ऐसा ही है जो लेता है अंत में पछताता है !

हा हा हा... हा हा हा....

सुरेश ने बेटे का अंतिम संस्कार किया और उस बक्से को लेकर चल दिया उसी गली में जो चोरों के लिए बदनाम थी ! 

एक चोर को उसने बहुत से पैसे और वो बक्सा दे दिया शर्तों के साथ ! 

बीबी से बोला, "हम कल ही ये शहर छोड़ के चले जाएंगे, कपड़े बांध लो" और खुद रूम मे जाकर पैसै बैग मे भरने लगा ! 

अचानक शीशे में वो खूनी दुल्हन दिखी ! 

"त.... त.. त.. तुम यहां अब क्या करने आई हो"? 

दुल्हन बोली,"वो बक्से वाले आदमी ने पैसे मांगे हैं" ! बोल के जोर से हंसने लगी !

सुरेश डर से थर थर कांपने लगा !

 अगले दिन सुरेश के मौत के चर्चे सबके जुबां पर थें, सब सोच रहें थे किसी चोर ने घर मे चोरी कर के उसको मार दिया !


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