ख़ुशी [29जून]
ख़ुशी [29जून]
मेरी प्यारी संगिनी,,
जानती हो ख़ुशी हमारे लिए कितना ज़रूरी है, हम ख़ुश होंगे तभी आसपास के लोगों को भी ख़ुश रख पाएंगे,,,
अपनी ख़ुशी के लिए कभी भी दूसरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए, हम स्वयं ऐसा काम करें, कि हमारे भीतर ख़ुशी का संचार हो जाए, अगर हमारे द्वारा किसी को दुःख पहुंचता है, तो वह हमारे दिल तक भी पहुंचता है, और हम भीतर से अपने आप को दुखी महसूस करते हैं,,
परंतु हमारे कारण अगर किसी के चेहरे पर मुस्कान आती है, तो उसके दिल से निकली हुई दुआ, हमारे होठों पर भी मुस्कान ले आती है,,,
आज का "जीवन संदेश"
माँ-बाप हमेशा अपने बच्चों की ख़ुशी में ही अपनी खुशी महसूस करते हैं, इसीलिए उनके बुढ़ापे में उनका ख्याल अवश्य रखें, उन्हें अकेला ना छोड़ें,,,,
आज के लिए बस इतना ही, मिलती हूँ कल फिर से, मेरी "प्यारी संगिनी",,,,,,
