कब्रिस्तान में लव लैटर

कब्रिस्तान में लव लैटर

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आप विश्वास करे या न करे पर जब प्यार होता है तो भूत क्या आदमी कुते से भी शादी कर लेता है ।
मैं रवि, बचपन से ही अपनी पड़ोस की लड़की प्रिया से बहुत प्यार करता था पर कभी उसे इस बारे में कुछ कह नही पाया और देखते देखते आज वो 16 साल की हो गई।
मैं अक्सर स्कूल जाते वक्त उसे देखा करता था। उसके गुलाबी गाल, मोरनी सी गर्दन, सुनहरे बादलो जैसे बाल, उसके होठ, वो पुरे गांव में सबसे सुंदर थी और भोली भी। जब वो अपनी सहेलियों के साथ नदी किनारे खेलती और हँसती थी तो मैं उसे रोज़ छुप कर देखता था। मैं उसे बेइंतहा प्यार करता था पर उसे कभी बोल नही पाया।
पर हर प्रेम कहानी की तरह मुझे ये नही पता था कि मेरी इन खुशियो को जल्द ही नज़र लग जायेगी। कहने को तो मैं उन्हें दोस्त कहता था पर पूरा गांव जानता था कि जतिन और उसके दोस्त कितने कमीने लड़के हैं, आय दिन लड़कियो को छेड़ना और लोगो को परेशान करना उनकी फितरत थी। एक दिन मैं नदी किनारे बैठा था तभी पीछे से जतिन और उस की टोली ने मुझे पकड़ लिया। जतिन बोला क्या बे रवि क्या कर रहा है यहां पर। मैंने कहा कुछ नही जतिन। तभी जतिन ने कहा की आज मैंने प्रिया को देखा, बहुत मस्त लग रही थी।
ये सुनते ही मेरे शरीर में आग सी लग गई। फिर जतिन बोला यार मुझे प्रिया चाहिए। बाकी लड़के भी यही कहने लगे। ये सब सुन कर मेरा मगज गर्म हो रहा था। तभी जतिन बोला- रवि तू क्या सोचता है। मैंने लड़खड़ाते हुए जबान से कहा- हो सकता है प्रिया किसी और से प्यार करती हो। जतिन बोला मैंने सब पता कर लिया है कोई भी लड़का उसकी ज़िंदगी में नही है। यही सही मौका है कल मैं प्रिया को अपना बना कर रहूँगा। फिर जतिन जोर से बोला सुन लो सभी आज से वो मेरी गर्लफ्रेंड है।
ये सुनते ही मेरे दिल टूट सा गया पर मैंने हार नही मानी और मैं बोल उठा। जतिन ये गलत बात है। जब तक प्रिया अपनी मर्ज़ी न दे, तू उसे अपनी कैसे कह सकता है पहले प्रिया हाँ तो कर दे तुझे। मेरी बात सुनते ही सभी लड़के भी यही कहने लगे जिसे सुन कर जतिन बोला ठीक है। इसका फैसला हम कल करेगे।
मैं काफी डरा हुआ था की कल क्या होगा और इसी कारण रात भर सो नही पाया। अगली सुबह मैं स्कूल के लिए तैयार हो गया। मैंने मन ही मन फैसला कर लिया की आज प्रिया को अपने दिल की बात बोल कर ही रहुगा।
जब स्कूल की छुटी हुई तो जतिन और उसका दल प्रिया और उसकी सहेलियों के पीछे हो लिया। मैं भी जतिन के पीछे चलने लगा। काफी देर चलने के बाद जब काली कब्रिस्तान आया तो जतिन अचानक से प्रिया के सामने आकर उसे रोकने लगा, मैं ये सब देख रहा था। प्रिया ने जतिन को रोकने का कारण बताया। तो जतिन ने उससे सारा हाल कह डाला। तब तक मैं भी वहाँ आ पहुँचा, मैं प्रिया और जतिन को देख रहा था, प्रिया भी मुझे देखने लगी ।
तभी प्रिया ने कहा की मुझे मंजूर है। ये सुनते ही मेरे पैरो तले ज़मीन खिसक गई। मेरा सब कुछ लूट गया। क्या मेरे बचपन का प्यार लूट जाएगा?
तभी प्रिया बोली की मेरी एक शर्त है और अगर तुम वो पूरी कर सके तो मैं तुम्हारी।
जतिन बोला मैं कुछ भी कर सकता हूँ।
तब प्रिया बोली की तुम्हे कुछ लाना होगा।
जतिन ने कहा क्या लाना है।
प्रिया बोली सामने काली कब्रिस्तान है, ठीक रात बारह बजे तुम्हे वहाँ से एक लैटर लाना है। और अगर वो letter तुम ले आए तो मैं तुम्हारी।
मैं और जतिन दोनों ने ये बात सुनी, फिर ये सुनते ही जतिन का चेहरा सफेद पड़ गया। कुछ देर की ख़ामोशी के बाद जतिन बोला मैं करूँगा।
प्रिया बोली ठीक है फिर मिलते है लैटर के साथ, प्रिया ने मुझे देखा और हँसते हुए बोली तुम भी जा सकते हो रवि। जतिन बोला ये क्या लाएगा प्रिया देखना मैं ही वो लैटर लाऊंगा तुम्हारे लिए।
मुझे नही पता था कि वो मुझे भी ऐसा कहेगी अब तो मैं भी रेस में था। जल्द ही सब अपने अपने घर चले गए।
रात आ चुकी थी और मेरा दिल भी घबरा रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत की और काली कब्रिस्तान की ओर चल दिया, जब मैं वहाँ पहुँचा तो सभी लोग वहाँ पहले से ही मौजूद थे। प्रिया उसकी सहेलियाँ और जतिन और उसके दोस्त।
जतिन बोला, तो तू आ गया रवि।
तभी प्रिया बोली चलो अब मैं तुम्हे बताती हूँ कि क्या करना है। जब तुम ऊपर की ओर जाओगे तो तुम्हे एक मूर्ति मिलेगी वहाँ से तुम मोमबत्ती और माचिस ले सकते हो उसके बाद तुम जब थोड़ी दूर और चलोगे तो तुम्हे एक कब्र मिलेगी उसी के ऊपर एक लैटर मिलेगा। जो भी उस letter को लाएगा वही मेरा दोस्त बनेगा। ये सुनते ही बाकी सभी लड़के भाग खड़े हुए, सिर्फ मैं और जतिन बचे। इसलिए अब हम दोनों के बीच ही मुकाबला रह गया था।
कुछ ही देर में मुकाबला शुरू हो गया और जतिन तेजी से भागने लगा। रात का वक्त था और चारो ओर अँधेरा सिर्फ चाँद की रोशनी के कारण कुछ-कुछ नज़र आ रहा था। मैं भी जोश में था और जतिन को टक्कर दे रहा था।
तभी एक साँप निकल कर मेरे आगे आ गया और इसका फायदा उठा कर जतिन आगे निकल गया और मूर्ति तक पहुँच कर मोमबत्ती उठा ली। जैसे तैसे मैं साँप से बचा और जब मैं मूर्ति तक पहुचा देखा वहाँ कोई और मोमबत्ती नही थी। अब मेरे पास कोई और चारा नही था करो और मरो की बेला आ चुकी थी इसलिए मैं अँधेरे में ही उस कब्र की ओर निकल पड़ा, मुझे अपने प्यार पर भरोशा था तभी मैंने जतिन की चीख सुनी, वो चिल्ला रहा था भागो चुड़ैल-चुड़ैल ये सुनते ही मेरे हाथ पाव फूल गए। मैंने देखा जतिन तेजी से मेरी ओर भागते हुए आ रहा था और अचानक मेरी ओर रुकते हुए बोला रवि भाग यहाँ चुड़ैल है। और वो नीचे की ओर भाग गया।
मैं काफी डर चूका था पर मैं ऐसे कैसे भाग जाता। मुझे हर बार प्रिया का ख्याल आ रहा था मैं किसी भी कीमत पर उसे अपना प्यार साबित करना चाहता था। इसलिए मैं कब्र की तरफ बढ़ने लगा। काफी देर चलने के बाद मुझे वो कब्र नज़र आई पर मेरे चेहरा पिला पड़ गया जब मैंने उस पर एक लड़की को बेठा देखा उसके बाल काफी लम्बे थे और वो गर्दन झुका कर वहाँ बैठी हुई थी।
मेरे पैर काम करना बन्द कर चुके थे। मैं काफी देर तक वही खड़ा रहा। मुझे बार बार प्रिया का चेहरा याद आ रहा था। मैंने थोड़ी हिम्मत इक्कठी की और कब्र के पास जाकर उस चुड़ैल को दबती आवाज़ में बोला। जी क्या आप ने यहाँ कोई लैटर देखा है। चुड़ैल कुछ नही बोली। मैंने अपनी बात फिर दोहराई पर इस बार उसने पास आने का इशारा किया। मैं डरते-डरते उसके पास पहुँचा। तभी मैंने कहा देखो मुझे मत खाना, दरअसल मैं एक लड़की को बचपन से बहुत प्यार करता हूँ उसका नाम प्रिया है। और उसी के लिए मैं यहाँ तक आया हूँ।
तभी चुड़ैल ने कहा तो अब तक मुझे बताया क्यों नही। मैं पूरी तरह हैरान हो गया वो तो प्रिया की आवाज़ थी तभी चुड़ैल ने अपने बालो को ऊपर किया। और मेरा दिल रुक सा गया वो प्रिया ही थी जो चुड़ैल बनी हुई थी। मैं पूरी तरह हैरान था की अब क्या करुँ।
मैं बस प्रिया को देख रहा था और प्रिया मुझे।
तभी हम दोनों को कोई आवाज़ सुनाई दी। एक बड़ा काला साया हमारी ओर आ रहा था ये देख प्रिया ने मेरे हाथो को पकड़ लिया। और मैंने भी प्रिया को पकड़ लिया। देखते ही देखते वो काला साया करीब आने लगा। और अचानक एक तेज रोशनी हमारे चेहरे पर पड़ी और वो साया बोला कौन है वहाँ पर। वो कोई और नही कब्रिस्तान का चौकीदार था। उसे देखते ही मैं और प्रिया तेजी से भाग खड़े हुए।
हम काफी देर तक भागते रहे और फिर घर आ कर ही रुके, वो बिना कुछ बोले अपने घर चली गई और मैं भी अपने घर आ गया। मैं सारी रात नही सोया।
अगली सुबह मैं स्कूल के लिए तैयार हो गया। जब मैं स्कूल पहुँचा तो वो पहले से ही वहाँ थी पर वो कुछ नही बोली।
जल्द ही स्कूल की छुटी हो गई मैंने उसे हर जगह ढूंढा पर वो नही मिली। मैं निराश हो कर घर की ओर जा ही रहा था की मुझे एक आवाज़ सुनाई दी वो प्रिया ही थी।
मुझे भरोसा नही हुआ। वो मेरे पास आई और कहा रवि कहा जा रहे हो मैंने कहा घर।
प्रिया बोली मैं भी चलती हूँ।
तभी मैंने कहा प्रिया मुझे तुम्हे कुछ कहना है तभी प्रिया ने मेरे होठो पर अपने हाथो को रखते हुए कहा मुझे पता है तुम्हे क्या कहना है।
मुझे पता चल गया था की वो भी मुझे बहुत प्यार करती है कभी कभी जुबान का काम सिर्फ आँखे ही कर देती है।
उसका हाथ मेरे हाथो में था और हम अपने घर जा रहे थे।


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