दिल्ली मैट्रो और पिशाचनी

दिल्ली मैट्रो और पिशाचनी

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आज काम के लिए काफी देर हो गई थी, इसलिए भागते हुए नेहरू प्लेस मेट्रो पहुँचा, मेरे लिए लेट होना कोई नई बात नहीं थी, ये तो रोज़ का नियम था। मैंने जल्दी से टोकन लिया और प्लेटफार्म पर जा कर खड़ा हो गया। जल्द ही मेट्रो आ गई और मैं उसमें चढ़ गया। आज भीड़ कम थी और सीटे खाली। बैठने की जगह मिल गई। कुछ सूझ नहीं रहा था तो मोबाइल निकाला और गाने सुनने लगा। अभी मुश्किल से चार स्टॉप ही निकले थे की एक अजीब सी पर सुंदर लड़की दरवाजे से अंदर दाखिल हुई। उसने काले रंग की साड़ी और काले रंग की छोटी सी बिंदी लगा रखी थी, पर सबसे अजीब तो यह था की नेल पॉलिश से लेकर लिपस्टिक तक काले रंग की थी, पर सच कहूं तो वह किसी मिस इंडिया से कम नहीं लग रही थी। वह चलते हुए आई और ठीक मेरे सामने वाली सीट पर आ कर बैठ गई और इधर-उधर देखने लगी। मेट्रो में बैठे सभी जवान और बूढ़े उसे ही देख रहे थे, वहीं दूसरी ओर सभी लड़कियाँ ईर्ष्या भरी नजरों से उसे ताड़ रहीं थी और देखें भी क्यों नहीं, उसकी नीली आँखें और सफेद जिस्म देखने ही लायक था।

 

मेट्रो को क्या हुआ?

जल्द ही मेट्रो स्टेशन ने लाजपत नगर को पार कर लिया और अब मेट्रो अंडर ग्राउंड में भाग रही थी, तभी मेरी नजर सामने गई, वह वहाँ नहीं थी, मुझे लगा वो किसी स्टेशन पर उतर गई होगी और तभी अचानक मैं डर गया, वह मेरे साथ बैठी हुई थी और मुझे ही देख रही थी, (दोस्तों मैं आपको बता दूं की मैं रवि चौधरी वैसे किसी से डरता नहीं हूँ पर मुझे भूतों से डर जरूर लगता है क्योंकि आप इंसान से लड़ सकते हो पर जो दिखाई नहीं दे उससे कैसे लड़े, इसलिए भूतों से सोच समझ कर पंगा लें)।

 

मुझे उस लड़की में कुछ तो गलत लग रहा था पर ये एक वहम भी हो सकता था या फिर इत्तफाक।

 

आज पता नहीं क्या हो गया था। मेट्रो में लोग चढ़ ही नहीं रहे थे और मेरे वाली साइड तो खाली ही हो गई थी, बस मैं और वह लड़की रह गए थे, मेरा तो बुरा हाल हो रहा था, एक तो वो अजीब थी और दूसरी इतनी खूबसूरत की नजर न चाहते हुए बार-बार उसकी कमर पर जा रही थी। मैंने पूरे जीवन में इतनी प्यारी कमर नहीं देखी थी और ऊपर से हर थोड़ी देर में हवा की वजह से बार-बार साड़ी खिसक जाती और उसके सुंदर कमर के दर्शन हो जाते।

 

लगता था जैसे उसे मालूम था की मैं उसकी कमर को देख रहा हूं इसलिए बार बार मुझे देखकर अपने बाल ठीक करने लगती।

तो कभी अपना मुँह फेर लेती।

लगता था जैसे कुछ कहना चाह रही हो।

 

तभी अचानक मेट्रो बीच अंडर ग्राउंड में रुक गई। चारों ओर अँधेरा था कुछ भी नजर नहीं आ रहा था और अचानक मेट्रो की लाइट बुझने और जलने लगी, और बिना किसी कारण उद्घोषणाएं होने लगी कि जो यात्री अंडर ग्राउंड जाना चाहते हैं यहाँ से मेट्रो बदलें।

 

और तभी मेट्रो का दरवाजा अपने आप खुल गया। यह सब देख कर मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह सब हो क्या रहा है।

 

लेकिन मेरी आँखें उस वक्त चक्कर खा गईं, जब वह प्यारी सी लड़की अचानक अपनी सीट से उठ कर दरवाजे से नीचे उतर गई और मैं ये सब देखता रहा।

 

मैंने पीछे से उसे कई बार आवाज लगाई की ये कहा जा रही हो, वहाँ मत जाओ, ये तुम क्या कर रही हो, पर उसने मेरी एक बात भी नहीं सुनी और चली गई। लेकिन मैं उसे ऐसे नहीं जाने दे सकता था, हो सकता था की वह किसी मुसीबत में फंस जाए, इसलिए मैंने भी मेट्रो से छलांग लगा दी और उसके पीछे भागने लगा।

 

कुछ दूर भागने के बाद मुझे वह नजर आ गई। मैंने फौरन जा कर उसका हाथ पकड़ लिया और बोला की क्या हो गया है तुम्हें, यह सब क्यों कर रही हो, चलो वापस चलो, नहीं तो ट्रेन छूट जाएगी।

 

फिर भी उसने मेरी बात नहीं मानी, अचानक उसके हाथ से कुछ चिपचिपा सा तरल निकलने लगा, काफी अँधेरा था इसलिए कुछ नजर नहीं आ रहा था। अचानक सामने से मेट्रो तेजी से आने लगी, मैंने देखा मैं पटरी पर खड़ा हूं और मैंने उस लड़की से कहा, “जल्दी यहाँ से हटो, मेट्रो आ रही है।” अचानक मेट्रो की तेज रोशनी हम पर पड़ती है और मेरे पैरों तले जमीन खिसक जाती है। वह लड़की अब बिलकुल ही बदल गई थी, इतना भयानक थी की बोल भी नहीं सकता, वो एक चुड़ैल थी, उसने मेरा गला पकड़ लिए और मुझे पटरी पर गिरा दिया और कस के पकड़ लिया।

 

मेट्रो तेजी से मेरी तरफ आ रही थी, और दूसरी तरफ उस चुड़ैल ने मुझे पकड़ रखा था, अब लग रहा था की मैं नहीं बचूंगा, तभी मैंने अपने मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट ऑन करके उस चुड़ैल की आँखों में दे मारा और इससे वो बुरी तरह चीखने लगी और मैंने तेजी से अपने आप को छुड़ाया और पटरी से छलांग लगा दी, बस एक इंच की दूरी से मैं बाल-बाल बच गया, बस एक चीख, वही मुझे सुनाई दी। लगा जैसे वो मेट्रो के नीचे दब गई।

 

मैं फौरन तेजी से भागा और जितनी जान थी अगले स्टेशन तक जाने में लगा दी।

जल्द ही मैं मण्डी हाउस पहुँच गया, और अपनी जान बचा ली।

 

जान तो बच गई पर ऑफिस के लिए लेट हो गया, पर अपने मैंनेजर को क्या बोलता की एक खूबसूरत बला ने लगभग मेरी जान ले ली थी।

 

मैं जानता था की कोई मेरी बात का विश्वास नहीं करेंगा।

क्या आप विश्वास करेंगे?

        


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