Shweta Sharma

Thriller Drama Crime

4.2  

Shweta Sharma

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कातिल कौन? पार्ट - 6

कातिल कौन? पार्ट - 6

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पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की प्रीति, शालू को चुपचाप मुंह छुपाएं कहीं जाते हुए देखती है और हैरान होती है...अब आगे पढ़िए

प्रीति, शालू का पीछा करती है और फिर प्रीति देखती है, की शालू, पुलिस स्टेशन आई हुई है और मन में सोचती है, की शालू इस समय पुलिस स्टेशन क्यों अाई है और प्रीति वापस घर चली जाती है, पुलिस स्टेशन में शालू, ऑफिसर समीर के सामने होती है, फिर समीर, शालू से पूछता है" कहिए शालू जी, क्या कह रही थीं आप फोन पर; किस पर शक है आपको?"

शालू ने समीर से फोन पर पहले ही बात कर ली थी, की वो पुलिस स्टेशन आएगी।

"साहब, दरसअल बात यह है, की हमारे पड़ोस में श्यामा काकी रहती है, उनका भाई अजय एक नंबर का आवारा लड़का है, हमेशा हमें गलत नजर से देखा है उसने; इसी बात पर राघव जी का झगड़ा हो गया था एक दो बार उससे, पर एक बार झगड़ा बहुत ज्यादा हो गया और उस दिन अजय ने कहा भी था, मैंने कभी भी गलत नजर से नहीं देखा शालू भाभी को, ज्यादा मत बोल नहीं तो हमेशा के लिए तेरा मुंह बंद कर दूंगा, तब श्यामा काकी ने उन्हें सबके सामने चांटा मारा था और श्यामा काकी के कहने पर अजय को राघव जी से मांफी मांगनी पड़ी, लेकिन राघव जी हमें बाद में बता रहे थे, की जाते जाते चुपके से अजय ने राघव जी को धमकी दी थी, की देख लूंगा तुझे, इसलिए मुझे अजय पर शक है।" शालू ने बताया।

"ठीक है, ये अजय रहता कहां है?" समीर ने पूछा।

"रहता तो श्यामा काकी के साथ ही है, पर अभी किसी दोस्त की शादी में गया है,कल आ जाएगा सुबह आठ बजे तक; ऐसा श्यामा काकी ने बताया था मेरी सासू मां को।" शालू ने बताया।

"ओके, कल उसे पूछताछ करूंगा मैं, आप परेशान मत हो।"

"पर, मैंने आपको अजय के बारे में बताया है, ये बात आप प्लीज़ किसी को मत बताना।" शालू ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा।

"बेफिक्र रहिए, आपका नाम कहीं नहीं आएगा, अब आप जाइए; आपको कांस्टेबल घर छोड़ देगा।" समीर बोला और समीर, शालू को घर छुड़वा देता है।

दूसरे दिन प्रीति, शालू के घर जाती है और शालू से पूछती है, क्यों शालू, तू रात में कहां जा रही थी मुंह छुपाएं?

शालू हैरान हो जाती है, और फिर कहती है" प्रीति तू मेरी सहेली है, बस इतना ही कहूंगी; अभी कुछ मत पूछ, वक़्त आने पर बता दूंगी, पर किसी को यह मत बताईयों, की तूने मुझे रात में जाते देखा, प्लीज़।" शालू ने रिक्वेस्ट की।

" अरे, हाथ मत जोड़; में वैसे भी किसी को कुछ नहीं बताती।" प्रीति ने कहा।

उसी दिन थोड़ी देर में पुलिस आती है और अजय को पूछताछ के लिए ले जाती है, थोड़ी देर में अजय, समीर के सामने होता है। समीर, अजय से पूछता है" सुना है, की तुम्हारी गन्दी नज़रें थी शालू पर?

"नहीं साहब, किसने कह दिया आपसे?" अजय बोला।

"किसने बोला, क्यों बोला, वो छोड़ ये बता तूने राघव को ये कहा था, की हमेशा के लिए तेरा मुंह बंद कर दूंगा?" 

"हां साहब, बस वो गुस्से में कह दिया था; सच में थोड़ी ही ना कहा था मैंने।" अजय ने कहा।

"देख, अगर झूठ बोल रहा है, तो कोई फायदा नहीं है; बच नहीं पाएगा पुलिस से।" समीर ने बोला।

"नहीं साहब, झूठ नहीं बोल रहा हूं, मां कसम।" अजय ने कहा।

"ठीक है, अभी तुम जाओ; जरूरत पड़ी, तो दोबारा बुला सकता हूं।" समीर बोला।

"जी साहब, अब चलता हूं।" अजय ने कहा और चला गया।

क्रमशः



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