STORYMIRROR

Rakesh Bishnoi

Abstract

2  

Rakesh Bishnoi

Abstract

काश वहां इंसानियत होती..

काश वहां इंसानियत होती..

1 min
129

रामलाल ने अपनी बेटे को दिल्ली भेजा पढ़ने के लिए, जमीन बेचकर भी रामलाल खुश था। सब कुछ ठीक ही चल रहा था। रामपाल खूब मेहनत करने लगा,उसके बेटे को पता था कि पापा के सपनों को पूरा करना है।

,


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract