नवण प्रणाम
नवण प्रणाम
इन सभी आनंद करने वाली गतिविधियों, सेवाकार्य में आप इष्टमित्रों का सहयोग, सदगुरु की कृपा, इष्टदेव पितृजनों का आशीर्वाद, आपका प्यार स्नेह रहा आगे भी बना रहे।
अतः ईश्वर परमात्मा व आपका हृदय से धन्यवाद।
