जनता की ताकत
जनता की ताकत
नेता जी चुनाव में लाखों वोटों से जीत गये। जीत के बाद अपने संबोधन में वे बोले- "हमारी ताकत को देखकर जनता ने हमें वोट दिया। अगले चुनाव में हम इससे भी अधिक वोटों से जीतेंगे"
पांच साल गुजर गये, लेकिन नेताजी जनता के लिए कुछ खास नहीं कर पाये। बस आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करते रहे और अपनी झोली भरते रहे। पांच साल बाद फिर चुनाव हुए। इस बार नेताजी लाखों वोटों से हार गये। नेताजी को अब जनता की ताकत का एहसास हो चुका था।