जीवन में आपके द्वारा लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
जीवन में आपके द्वारा लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय
जीवन में कभी ऐसे भी मौक़े आते हैं जब निर्णय लेना कठिन हो जाता है। ऐसा ही क्षण मेरे सामने भी एक चुनौती के रूप में उठ खड़ा हुआ।
बात बहुत पुरानी है। हमारे परिवार में औरतों का नौकरी करना अच्छा नहीं माना जाता था। मैंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया था। अक्सर बच्चों को उनके स्कूल छोड़ने जाती। बच्चे कॉन्वेंट स्कूल में थे। एक बार वहां की सिस्टर सुपीरियर ने मुझसे पूछा, क्या मैं काम करना चाहूंगी।मेरे लिए तो यह बहुत अच्छा मौका था,बच्चों का ख्याल भी हो जाता।
उस दौरान मेरे पति काम के सिलसिले में शहर से बाहर थे। मैने दूसरे दिन से ही नौकरी कर ली। शहर छोटा था। खबर फैलते देर नहीं लगती थी। पतिदेव के मित्रों को खबर लगी। उन्होंने उन्हें सूचना दे दी।
तीसरे दिन वे अवतरित हुए, आते ही ऐलान हुआ। नौकरी नहीं करनी है।लोग क्या कहेंगे। तुम्हे किस चीज की कमी है। घर बैठो और बच्चों का ध्यान रखो।
मैने भी निर्णय ले लिया की बढ़े कदमों को पीछे नहीं मोड़ना है। फिर मैं कोई ग़लत काम तो कर नहीं रही थी कि लोग क्या कहेंगे, उस बात पर डरती रहूं।
मैने शांत रहते हुए धैर्य से घरवालों को समझाया कि बच्चों के साथ आने-जाने से एक तो उनकी सुरक्षा की चिंता नहीं करनी होगी, दूसरे मुझे उनकी पढ़ाई, उनके विकास के अन्य मौके भी मिलेंगे।
मुश्किल तो हुई, किंतु बात सबकी समझ में आ गई। उस दिन के उस निर्णय ने मुझे प्रधानाध्यापिका के मुकाम तक पहुंचाया। 36 वर्ष शिक्षा साधना में सेवारत रही। आज सेवामुक्त, संतुष्ट जीवन जी रही हूं।