इज़हार
इज़हार
जब काव्या ने उसे पहली बार देखा था उसके बाद से रोज़ाना ठीक आरती के वक्त मंदिर पहुंच कर हर बार भगवान से बस उसे ही मांगा था। जो आज पूरा हुआ। उसने जैसे ही कहा "मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूँ काव्या!" सब जैसे रुक गया..नहीं ..नहीं ..जैसे सब शुरू हो गया।
अब रोज़ ऑफ़िस से निकल के उसके साथ घंटों समय बिताना। उसका काव्या के ऑफ़िस के सामने से निकलना और काव्या का बहाने बनाकर बाहर आना। कैसे 6 साल पूरे हो गए पता ही नहीं चला। इस बीच काव्या की दीवानगी बढ़ती चली गई। पर प्रसंग के मन में कुछ और था।
क्रमश ...