इंतजार
इंतजार


जिंदगी के एक अजीब मोड़ पर हूँ मै पता नही क्या होगा।
मेरा नाम सिमरन दिलबाले दुल्हनियां की सिमरन मत समझ लेना असली सिमरन हूँ एक छोटे से कस्वे की लड़की हूँ जिसके सपने भी बहुत छोटे है । में हमेशा से बस यही चाहती थी जिंदगी से की मेरी शादी उस इंसान से हो जिसे में प्यार करू जो मुझे प्यार करे में 10 बी क्लास में थी तब एक लड़का आया मेरी जिंदगी में जिसके आने से मेरी जिंदगी ही बदल गई और में भी बहुत बदल गई कहानी तो बहुत बडी है पर में शॉर्ट में सुनाती हू।
सुनो कल तुमसे मिलना है ऐसी अबाज आई मेरे पीछे से मैंने भी तुरंत जबाब देते हुए टाइम और जगह पूछ ली सोचा कल मिलकर सारी बात खत्म कर ही लूं बहुत हो गया पीछे घूमना तय हुआ हम सुबह मिले और बात एक दूसरे का नाम जानकर सुरु हुई पूरी बात करके मेने उसको दोस्त बनने को कहा और उसने सीधा प्रपोज़ कर दिया ये बात उस कच्ची उम्र में दिल को छू गई मन में आया i love you बोल दूँ पर न जाने कैसे सम्भाल लिया खुद को।
शायद पहली मुलाकात में भरोसा नही कर पाई थी में टूट जाने का डर जो था मन मे पर धीमे - धीमे हम हमसफ़र बन गए पर नही पता था कि सफर बिना हमसफ़र के ही करना पड़ेगा बहुत खुश थी में की जिंदगी में वो शख्स आ गया जिससे में शादी करूँगी पर नही पता था कि हमारी जात अलग है इस सच्चाई का जब सामना हुआ तो उसको खोने डर से पागल सी हो गई थी में और में उसको ये बात बता भी नही पाई और आखिर हमारी फैमिली को सबकुछ पता चल गया मेरा उससे मिलने बात करना सब बन्द हो गया याद आती थी।
तो उसके दिए हुये गिफ्ट को सीने से लगा के रात भर रोती और फिर इस आस में चुप हो जाती की वो मुझे मिल जाएगा वो मेरे साथ रहेगा और इसी तरह बिना एक दूसरे की खबर की साल बीतते चले गए हुम् पूरे 7 साल बाद मिले मुझे उम्मीद थी कि जो मेरा था वो मेरा ही होगा में अपने मन की हर बात उसके बिना बीता हुआ एक एक पल सब बताना चाहती थी उसको बहुत प्यार करना चाहती थी आखिर 7 सालों के इंतजार और प्यार मेरे अंदर दबा था मगर समय के साथ शायद सब बदल जाता है उसके मुंह से निकले हुए एक नाम ने मेरी जिंदगी ,मेरे सपने,मेरा,इंतजार,मेरा प्यार,मेरा समर्पण, सब बेमानी कर दिया उनसे कैसे खुद को मुझसे अलग कर लिया में तो आज भी इंतजार में हूँ।