हमको है पसंद वहीं बात करेंगे
हमको है पसंद वहीं बात करेंगे
हमकों है पसंद वहीं बात करेंगे हम दिन को कहे रात तुम रात कहोगे...
हाँ हाँ मै जानती हूँ यह गाना ऐसे नहीं है। पर क्या करे यही है हमारे सैयाँ जी का मिजाज। तो चलो सुनाती हूँ एक मजेदार किस्सा ..
रविवार का दिन था सुबह सुबह रितेश गुनगुना रहा था-
"तुमको है पसंद वहीं बात करेंगे तुम दिन को कहो रात हम रात कहेंगे.."
मुस्कुराते हुए सुमन पास आई और बोली.." अच्छा तो चलो आज हम दोनों घर पर वैसे भी अकेले है।बच्चे स्कूल ट्रिप से मैसूर गये है ।तो क्यों ना आज लंच करने बाहर चले।"
बाहर जाने का तो मूड नहीं डियर ,ऑनलाइन आर्डर कर देते है।
क्यों ,अभी तो बडा गुनगुना रहे थे क्या हुआ बस थक गये एक ही फरमाइश मे?
अच्छा बाबा, ताने मत सुनाओ चलो चलते है ।बताओ कहा चले क्या खाओगी नोर्थ इंडियन या साऊथ इंडियन ?
देखो मेरा तो साऊथ इंडियन मिल खाने का मन है
सापाड....!
क्यों ,क्या हुआ?
नहीं नही,कुछ नहीं ,मै सोच रहा था नोर्थ इंडियन खाने चले जाते है ।आज सापाड खाने का मूड नहीं था, पर अब तुम्हें जहाँ जाना है वहीं चलते है।जल्दी से तैयार हो जाओ।
अच्छा ,बताओ क्या पहनूँ साड़ी या सलवार।
कुछ भी पहन लो डार्लिंग तुमपर तो सब सूट करता है।
आप भी तैयार हो जाओ।
"मै तो तैयार हूँ, ऐसे ही आ रहा हूँ।"
नाईटसूट पहनकर..!
"हाँ हाँ तुम तैयार हो जाओ बस।'
कुछ देर बाद...
कैसी लग रही हूँ ?
वैसे तो अच्छी ही लग रही हो पर साड़ी पहनने की क्या जरूरत थी ।सलवार ही पहन लेती।
मैंने पूछा था तब कह देते ना तब तो...और वैसे भी लास्ट टाईम जब मैंने सलवार पहना तो आप ही कह रहे थे कभी कभार साडी भी पहन लिया करो अच्छी लगती हो और अब..अच्छा पाँच मिनट ठहरो मै चेंज कर लेती हूँ।
नहीं ,अब चलो चलेगा वरना पाँच मिनट नहीं और आधा घंटा हो जायेगा ।पहले साडी बदलोगी फिर ओरनमेन्टश फिर मेकअप...
लेकिन तुम पहले ही बता देते तो..
अरे बताना क्या है ,तुम्हें इतनी समझ होनी चाहिए कहा क्या पहनना है।
सीधे सीधे कहो ना आपको लेकर ही नहीं जाना हर बार जब मेरी इच्छा कही जाने की होती है। आप कोई ना कोई बहाना या बहस पर आ जाते हो।
अच्छा बाबा सॉरी जाओ चेंज कर लो।
आधे घंटे बाद...आई एम रेडी चले।
और दोनो बाईक पर सवार हो चल दिये।
"यह हम कहाँ जा रहे है।"
यही पासवाले होटल मे कल रोहन बता रहा था यहाँ का नोर्थ इंडियन खाना बहुत टेस्टी है
"लेकिन मैंने कहा था मुझे सापाड खाना है ।"
"मोबाईल मे टाइम देखा है कितने बजे है?" तुम्हारे कपडे बदलने के चक्कर मे तीन बज गये अब तक तो वो तुम्हारी साऊथ इंडियन मिल वाली होटल तो बंद हो गई होगी।
आखिर सीधी सी बात है रितेश आपको वहीं करना होता है जो आपको पसंद है।पूरा मूड ऑफ कर दिया मै ही गलत थी जो तुम्हें लंच के लिए बाहर लेकर जाने को कह दिया ।सीधे सीधे ही कह देते है "हमकों है पसंद वहीं बात करेंगे हम दिन को कहे रात तुम रात कहोगे।"हर बार तुम्हारा यही है बस मन बहलाने के लिए बडी बडी बाते करते हो।
अच्छा बाबा अच्छा गलती हो गई अगले संडे हम साऊथ इंडियन खा लेगे।
तो दोस्तों मेरे साथ तो अक्सर ऐसा होता है...हर पती पत्नी मे ऐसी छोटी मोटी तू -तू ,मै- मै ,रुठना मनाना तो चलता ही रहता है।लेकिन यही वे पल है जो रिश्तों मे और भी मिठास भर देते है।
