हेलमेट ना लगाने का सबक
हेलमेट ना लगाने का सबक


सबक सही मायने में जिंदगी को आगे बढ़ना सिखाती है मैं आपको ज्यादा बात ना करते हुए एक स्टोरी के माध्यम से यह बात बताता हूंँ
संजय अभी अभी क्लास में अच्छे नम्बर से पास किया था पापा ने अच्छे नम्बर का वादा करने और संजय के जिद के कारण पापा को संजय को बाइक किसी तरह दिलानी पड़ी थी अब संजय बाइक से कॉलेज जाने लगा था ।
और रेसिंग भी अन्य लड़कों की तरह करने लगा था
वो सब तो ठीक था वह घर में किसी का बात नहीं मानता उसका ना जाने कितना चालान हेलमेट न लगाने पर कट चुका था लेकिन वह स्टाइल में इससे बाज ना आता
वह बहुत बार सड़क दुर्घटना में जान
गवाने से बच चुका था
पापा मांँ के समझाने के बावजूद वह नही मानता था आज भी उसे पापा ने कॉलेज जाते वक्त समझाया की बेटा हेलमेट लगा ले संजय एक ना सुना आज तेज चलाते वक्त उसकी बाइक फिसल के डिवाइडर से जा लड़ी संजय का सिर पत्थर जोर से फट गया और उसका सिर आज पूरी तरस से लहूलुहान हो गया संजय वही बेहोश हो गया जब उसे होश आया तो खुद को हॉस्पिटल में ऑक्सीजन चढता पाया आज उसकी किसी तरह से जान बच गई उसने अब आज पापा से वादा किया की अब से वो बाइक चलाते वक्त हेलमेट जरूर पहनेगा ये दुर्घटना और ये सबक उसे जिंदगी भर याद हो गया
अब संजय हेलमेट लगाकर गाड़ी चलाता है।