बंद दरवाजे पर दस्तक
बंद दरवाजे पर दस्तक


बंद दरवाजे पर कहीं किसी ने दि दस्तक,
या कहीं मेरा कोई वहम तो नहीं है ?
बंद दरवाजे पर कहीं किसी ने दी दस्तक,
कहीं कोई अपना तो नहीं है।
कहीं अपना मुन्ना पगार लिए खड़ा तो नहीं ?
कहीं बंद दरवाजों के पीछे रात भर तू खड़ा तो नहीं ?
यह बिल्ली ने कैसा रास्ता काटा है ?
कहीं कुछ अंदेशा सा छाया है
यह कैसी बिजली कड़क रही ?
यह बादल कैसे गरज रहे ?
यह कैसी सनसनाहट छाई है ?
यह कैसी रुसवाई है ?
बंद दरवाजे पर किसी ने दी दस्तक,
कहीं कोई अपना तो नहीं ?
कहीं प्रिया ससुराल से तो नहीं आई ?
कहीं कोई उस पर कोई विपदा तो नहीं छाई ?
यह दरवाजे पर कैसी आहट है ?
मेरे दिल में कैसी हलचल है ?
यह मन क्यों है घबरा रहा ?
ये मौसम क्यू चकरा रहा
?
यह कैसी है आपाधापी है ?
लगता शहर दुर्घटना व्यापी है,
बंद दरवाजे पर किसी ने दी दस्तक,
या मेरा कोई भरम तो नही है ?
खेत खलिहान ठीक तो है ?
गईया बछिया ठीक तो है ?
यह हवा में कैसी सरसराहट ?
यह कैसी ठहरी आफत है ?
कहीं चिंटू की तबीयत ठीक तो नहीं ?
कहीं कोई दुर्घटनाग्रस्त तो नहीं ?
यह कैसी सनसनाहट छाई है ?
दरवाजे पर कोई अंदेशा खींच लाई है,
बंद दरवाजे पर दे रहा कोई दस्तक,
कहीं कोई अपना तो नहीं ?
ये किवाड़ जाने कुछ बोल रहे,
जाने अशुभ है कुछ बोल रहे ?
यह चश्मे कैसे टूट से गए ?
मेरे पैर क्यू उठ नहीं रहे,
यह कैसी लाचारी है ?
कैसी परेशानी आई है ?
बंद दरवाजे पर दे रहा कोई दस्तक,
कहीं कोई अपना तो नहीं।