Jhilmil Sitara

Comedy

4  

Jhilmil Sitara

Comedy

हाय ! रे ये डाइटिंग

हाय ! रे ये डाइटिंग

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मिहिका मैडम ने मेट्रो सिटी में नौकरी कर ली थी। शादी के बाद वो घर में समय बिताकर उकता गई थीं और कॉलोनी की लेडीज़ के साथ किटी तो कभी गेट टुगेदर के मजे लेकर अपना वजन भी काफ़ी बढ़ा चुकी थी। पतिदेव को बहुत मुश्किल से मनाया था अलग - अलग शहर में रहने के लिए। मिहिका थोड़े दिन तो नए जगह की ऑफिस और घूमने - फिरने की जगहों में व्यस्त रही फिर वो अकेलापन महसूस करने लगी। ऑफिस में थोड़ी अलग - थलग सी रहने लगी थी मिहिका। अपने काम में अच्छी थी मगर, अपने बढ़े वजन से थोड़ी शर्मिंदा थी वो। घर पर अकेलापन ना महसूस हो इसलिए उसने एक प्यारी सी बिल्ली पाल ली। उसकी प्यारी बिल्ली का नाम था लब्बू। सफ़ेद बालों वाली लब्बू भी मिहिका की तरह गोल - मटोल थी।

धीरे - धीरे मिहिका ने डाइटिंग सुरु किया जिससे उसकी पर्सनालिटी पहले की तरह सुन्दर और आकर्षक बन जाये। उसने उबला हुआ खाना सुरु किया, सूप, सलाद, ग्लूटेन फ्री, शुगर फ्री खाना सुरु किया। साथ में दोनों वक़्त व्ययाम सुरु किया। कुछ ही हफ्तों में फर्क नज़र आने लगा और मिहिका का जोश भी बढ़ने लगा सकारात्मक परिणाम देखकर। कपड़ों का साइज कम होने लगा और निखार दिनों दिन बढ़ा। अब वो यही दिनचर्या फॉलो करने लगी थी। इस तरह लगभग 3 महीने गुजर गए और अब मिहिका काफ़ी अच्छा और हल्का महसूस करने लगी थी। उसके ऑफिस वाले अब उससे दोस्ती करने के लिए भी आगे आने लगे थे और साथ में पार्टी भी करने लगे थे। मिहिका अब वाकई ख़ुश थी।

अपनी डाइटिंग प्लान और योगा के दौरान उसने अपनी प्यारी बिल्ली लब्बू का ठीक से ख़्याल नहीं रखा। जो डाइट मिहिका ले रही थी वही लब्बू भी खा रही थी। खा क्या रही थी बस काम चला रही थी और उपाय भी क्या था लब्बू के पास। आस पास की बिल्ले - बिल्लियाँ जलती थीं अब लब्बू रानी की मोहक अदाओं से अब। मगर, बेचारी लब्बू तो परेशान हो चुकी थी अपनी मालकिन की डाइटिंग से। धीरे - धीरे वो कमजोर होने लगी क्यूँकि, ऐसा फीका खाना खा कर जैसे उसका हाजमा खराब और सेहत नासाज़ रहने लगी थी। वो और बिना मलाई के मिल्क नहीं गटक पर रही थी। दिनरात लब्बू कोस रही थी हाय! रे ये डाइटिंग कहीं जान ही ना ले जाये सोचकर। लब्बू को अपनी कमर पतली करने का कोई शौक नहीं चढ़ा था उसे कौन से फैंसी ड्रेस पहन कर पार्टी अटैंड करना था और कौन सा किसी रईस बिल्ले का रिस्ता आने वाला था।

लब्बू काफ़ी सुस्त रहने लगी जिससे मिहिका तब ध्यान दिया जब लब्बू के लिए रखा हुआ खाना आधे से ज्यादा उसके खाने के बर्तन में पड़ा हुआ मिलने लगा। आखिर लब्बू ने इस कदर खाना पीना छोड़ा की उसे डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा। डॉ ने उसकी डाइट ठीक करने की हिदायत देकर वापस भेज दिया। मिहिका के लिए लब्बू का ध्यान रखना मुश्किल होता जा रहा था क्यूँकि, फिलहाल खुदपर ध्यान देना था इसलिए उसने अपनी लब्बू को बेच दिया पड़ोस की एक दोस्त को जो बिल्लियाँ पालने के शौकीन थी। मगर, यहाँ तो पहले से चार बिल्लियाँ थीं जिनके बीच खाने को लेकर मारामारी चलती थी वो भी डाइटिंग वाला खाना खाने के लिए। लब्बू ने फिरसे सर पीट लिया यह सोचते हुए की, हाय! रे ये डाइटिंग। 


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