Hemant Latta

Action Classics Inspirational

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Hemant Latta

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गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस

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उमंग, उत्सव, चेतना

गणतंत्र की पहचान है,

त्रासदी की वेदना,

सह रहा जहान है !


वीर शौर्य को याद कर,

आगे हम है बढ़ रहे,

आँख में उमंग लिए,

73 वीं सीढ़ी है चढ रहे !


हिमालय, विंध्य, कारगिल

न केवल पाषाण है,

जीते संस्कृति-शौर्य की,

ये अमिट पहचान है !


जातियों की एकता,

धर्म की अनेकता,

भाषायें भी भिन्न है,

सबको खुद में समेटता,

मुश्किलों को भी झेलता,

आग से है खेलता,

विद्रोहियों को हरा,


गर्व से है फैलता,

कर रहे इसका गान है,

युवा इसकी जान है,

विश्वगुरु, सबसे सुंदर,

ये अपना हिन्दुस्तान है !


अतीत की कहानियाँ,

उमंगित है कर रही,

सोये बाजुओं में अब,

जोश ये है भर रही,

भारतीयता को ही अब,

धर्म अपना मान लो,


उठो, जागो और

लक्ष्य अपना पहचान लो !

शान्तिप्रिय इस देश में,

ना कोई हुड़दंग हो,

1 भी 11 बने,

जब अपने सब संग हो !


प्रफुल्लित किसान हो,

गर्वित जवान हो,

कुरीतियां सब हट चले,

विकसित भारतीय विज्ञान हो !


ज्ञान के पाठ तो,

अनंत से पढ़ा रहा,

लोग बंदर बन घूम रहे ,

जब ये खगोल सीखा रहा !

प्राचीन ज्ञान भी,

विकास की एक राह हो,

नव ज्ञान से सब जुड़े,

सीखने की चाह हो !


कृष्ण, राम, बुद्ध की

धरती ये महान है,

"हेमन्त" लिखने की औकात नहीं,


इतना सुंदर हिन्दुस्तान है !

ये मेरा हिन्दुस्तान है,

ये अपना हिन्दुस्तान है,

ये सबका हिन्दुस्तान है !


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