मधु कोटिया निर्मोही

Abstract

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मधु कोटिया निर्मोही

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एक दिन ही क्यों

एक दिन ही क्यों

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षोडशी ने लाड़ में आकर माँ से कहा- "आज आपने मुझे डाॅटर्स डे पर विश नहीं किया? " हालातों के मद्देनजर माँ ने जवाब दिया -

"एक दिन डाॅटर्स डे बोलने से क्या होता है, मैं कुछ खास तो कर नहीं पाती|" 

बेटी ने तुरंत कहा-"ऐसा नहीं है आप हो तो मेरे लिये पूरे तीन सौ पैंसठ दिन खास हैं...प्याली मम्मा! "



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