दुर्घटना
दुर्घटना
घर से बाहर जाने वक्त पिता ने मयंक से कहा था कि "बेटे बाहर जा रहा तो हेलमेट पहनकर जा।आज रोज़ सड़क दुर्घटनाएं होनी आम बात है।" पिता द्वारा दिए गए इस सुझाव को अनसुना कर मयंक घर से बाहर निकल गया।मयंक की गाड़ी की रफ़्तार हमेशा ही तेज़ रहती थी।दूसरी गाड़ी को ओवरटेक करने की वज़ह से और गाड़ी की रफ़्तार तेज होने की वजह से मयंक ने अपना संतुलन खो दिया और चौराहे पर जो घटना घटित हुई उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।मयंक सड़क दुर्घटना में मर गया।पिता का इकलौता पुत्र था मयंक।मयंक के पिता को जैसे ही यह ख़बर पता चली उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्य सन्न रह गए।घटना स्थल पर पहुंचते ही मयंक के परिवार वाले खूब रोने लगे।मयंक के पिता ने सभी को धीरज देते हुए कहा "अब चुप रहो सभी जरा-सी असावधानी की वजह से आज मयंक हमसे बहुत दूर चला गया।काश! उसने मेरी बात मानी होती।भगवान ऐसी दुखद ख़बर किसी के जीवन में न दे।"वहाँ खड़े सभी लोगों की आँखें नम हो गई।सभी ने आगे से सावधानी से गाड़ी चलाने का वचन लिया।