दोस्ती
दोस्ती
वो 27 जून की शाम ,जो थी मेरे यारो के नाम।
उस शाम को चाह कर भी नहीं दिल भूल सकता,जो हमने चंडीगढ़ की गलियों में बिताई थी।
कब से दिल में था एक ख्याल की एक शाम तो होनी चाहिए सिर्फ दोस्तो के नाम। वो बाईस सेक्टर की मार्केट की रौनक,वो सत्रा का लाइट शो क्या नजारा था वो।
रात में सड़क पे चलते - चलते कुल्फी खाना और एक दूसरे की विडियो बनाना। वो 34 की मार्केट का चकर लगाना और चलते - चलते बातो में खो जाना। आइसक्रीम वाले की दुकान से एक चॉकलेट जो छीपकली ने चुराई थी घर आ कर कितनी खुशी - खुशी हमने खाई थी।
सच में वो ज़िन्दगी की सब से खूबसूरत शाम थी, क्योंकि वो शाम मेरे दोस्तो के नाम थी।