दोस्त
दोस्त
प्रीति और सपना एक ही कॉलेज में अलग अलग कक्षा में पढ़ते थे। मगर उन दोनों की ही एक सामान दोस्त थी। धीरे धीरे वो दोनों एक दूसरे से बातचीत किया करते थे साथ ही कैंटीन में अपने क्लास खत्म होने के बाद साथ ही चाउमिन खाया करते।
कब उन दोनों के बीच दोस्ती गहरी होती चली गयी ये उनको कभी आभास ही नहीं हुआ। मगर एक दिन उन दोनों का बिछड़ना शायद तय था उनके क़िस्मत में...
इस बात से वो दोनों ही अनजान थे।
कॉलेज खत्म होने के बाद प्रीति अपने आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे शहर चली गयी और उसी दौरान सपना कि शादी हो गयी। दोनों का एक दूसरे से बातचीत बंद हो चुका था।
एक दिन अचानक से ही प्रीति के पास सपना का फोन आता है। उस समय प्रीति की शादी होने वाली थी।
सपना प्रीति की शादी में शामिल हुई उसे इतने सालों बाद मुलाक़ात हुई इस बात की बहुत ज्यादा ख़शी हुई।
मगर इस बार प्रीति के साथ बहुत भयावह दुर्घटना हुई जिसमें उसके पति की मृत्यु हो गई। सब साथ थे उसके पर एक दोस्त का इस समय अलग ही महत्व होता है जीवन में... इस मुश्किल हालात में सपना ने अपने दोस्त का बहुत साथ निभाया साथ ही साथ इस दुख से बाहर आने में भी बहुत सहायता किया जितना कोई और दोस्त नहीं करता।
एक विधवा समझ कर जब उसके ससुराल वालों ने उसका त्याग कर दिया जब अपने माँ बाप के घर आयी तो उसके सभी दोस्तों ने भी साथ छोड़ दिया।
मगर उसकी दोस्त सपना ने उसका साथ नहीं छोड़ा।
क्या समाज में विधवा होना गुनाह है कम उम्र में जो सभी ऐसे लड़कियों से दूर रहना चाहती है क्यों उनके साथ कोई भी रिश्ता नहीं रखना चाहता है...
