छोटी-छोटी बातें
छोटी-छोटी बातें
ज़िन्दगी में कभी-कभी कुछ लोग ऐसे आते है जो हमारे लिए बहुत ख़ास बन जाते है इतने ख़ास बन जाते है कि उनकी छोटी-छोटी बातों से हमें कोई फ़र्क पड़ता है। जिस तरह छोटी-छोटी बातों से रिश्ता ख़ास बनता है उसी तरह एक दिन इस रिश्ते में उस इंसान की बातों का फ़र्क पड़ना बंद हो जाता है जिससे कहीं ना कहीं शायद रिश्ता कमज़ोर हो जाता है।
उन्हीं छोटी-छोटी बातों के कारण हम उनका मैसेज सीन करना, फोन करना धीरे-धीरे सब बंद कर देते है और इस ख़ास रिश्ते में कब फ़ासला आ जाती है पता ही नहीं चलता है हमें, हमारे मन को फ़र्क पड़ता है हमारी भावनाओं को फ़र्क पड़ता है मगर हम चाह कर भी कभी उस इंसान को बता नहीं पाते है और धीरे-धीरे हमारे मन में खटास उत्पन्न हो जाता है।
फ़िर हम भी धीरे-धीरे अपना क़दम उस रिश्ते से पीछे हटाने लगते है क्यों कि जब उस इंसान को ही हमारे होने ना होने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता है तो फ़िर हम ही क्यों इस रिश्ते को निभाने की कोशिश करते रहें। कोई भी रिश्ता एक तरफ़ से कभी नहीं चल सकता है एक ना एक दिन टूट ही जाता है।
कई बार छोटी-छोटी बातें ही हमारे दिल को छू जाता है और रिश्ते को तोड़ देता है।
