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Shabnam Bhartia

Tragedy

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Shabnam Bhartia

Tragedy

दोषी कौन

दोषी कौन

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पिता जी कहां हैं आप ? शाम तक घर नहीं पहुंचने पर आलोक ने पुलिसिया अंदाज़ में फोन कर पूछा। अस्पताल में भर्ती देवकीनन्दन जी बोले- " थोड़ा स्वास्थ्य ठीक नहीं था, दोस्त चेक करवाने ले आए तो एडमिट ले लिया। " बेटा बोला - "आप भी पापा ! छोटी छोटी बातों को महाभारत बना देते हैं।" फिर झुँझलाकर बोला - "फोन भी नहीं किया। " अब देवकीननदन जी क्या बताते की फोन करने की पोजीसन में नहीं थे। दूसरा मोबाइल में बैलेंस भी तो नहीं था। बेटे ने फिर डपटते हुए से पूछा - "कौन सा अस्पताल है ?" देकीनन्दन जी के नाम बताने पर, बेटे ने परेशान होकर कहा - " ओहो ! यह तो बहुत दूर हैं ! इतनी दूर जाकर भर्ती होने की क्या जरूरत पड़ गई थी ? आप तो जानते हैं हम दोनों को ड्यूटी जाना होता है।" फिर बेमन से कहा -" मैं आऊं क्या ?" " आया नहीं लाया गया। पार्क में बेहोश होने पर दोस्त भर्ती करवा गए ....... सोचते हुए देवकीनंदन जी ने बेटे की अरुचि को दिखते हुए चिंतित होते हुए कहा- "नहीं , नहीं तुम रहने दो । क्यों परेशान होते हो ? मैं कल आ जाऊंगा।"

पुत्र बोला "- ठीक है, कल आता हूँ आज तो शाम हो गई। "

 लेकिन दो दिन निकल गए , कोई नहीं आया......



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