दोष
दोष
एक ऋषि रोज सुबह 4:00 बजे नदी में स्नान करके वापस लौट आते। जब भी नदी वे में स्नान करने के लिए जाते उस समय उन्हें पता था एक बिच्छू उन्हे काटेगा , यह ऋषि सुबह 4:00 बजे नदी में स्नान करने जाते समय, पानी में बिच्छू पर तरस खा कर उसे उठा कर बाहर किनारे पर डाल देते।
तब भी वह बिच्छू उन्हें काटता, फिर मुनि स्नान करके वापस घर लौटते ।
रोज यही क्रर चलता रहा, तो ऋषि के शिष्य ने ऋषि से पूछा "आप क्यों बिच्छू को रोज बचाते हो?"
फिर भी बिच्छू आपको काटता है ना? तो ऋषि ने जवाब दिया, बिच्छू का स्वभाव काटना और इंसान का स्वभाव
बचाना। मैं मेरा कर्तव्य पालन करता हूँ। इस में बिच्छू का दोष कुछ नहीं है।
