STORYMIRROR

Preeti Sharma "ASEEM"

Action

4  

Preeti Sharma "ASEEM"

Action

दंगल

दंगल

3 mins
428

सहन करने का हर पैरामीटर आज जवाब दे गया था।एक इंसान कितना सह सकता है और बिना किसी गलती के......क्यों कि वो एक लड़की है।घर में पांच -पांच लड़कियों की शादी का खर्च तेरा तो घर ही बिक जाएगा.... नेकू।अक्सर....उसने घर में आने वाले रिश्तेदारों के मुंह से जो पिताजी के संगे थे कहते सुना था।हम लड़कियां हैं.....तो हमने क्या पाप कर दिया कुछ भी करने के पहले यह बता दिया जाता है कि......लड़की हो...????तो जब हम कुछ कर ही नहीं सकती तो समाज, जमाना बदल गया है औरतों को आजादी है इन बातों का ढिंढोरा क्यों पीट रहा है।

 घर में आज हाहाकार मच गया जब निधि ने आए हुए रिश्ते को ठुकरा दिया कि वह शादी पहले अपने पांव पर खड़ी होगी और नौकरी करेगी।घरवालों की दलील थी कि तेरे पीछे चार बहने हैं। उनका सोच तू शादी नहीं करेगी तो उनको रिश्ते कहां से आएंगे। तेरे से छोटी के लिए रिश्ते आ रहे हैं।अगर तेरी नहीं हुई तो बैठी रहेगी और तो और तेरे पर सवाल करेंगे कि अगर हमने उसका कर दिया।बड़ी क्यों नहीं किया।शादी तो करनी है घर में थोड़ा बिठा कर रखेंगे।राजा लोग भी नहीं रख पाए।कब तक इंकार करती रहेगी।

 अनगिनत सवालों की झड़ी लगा दी थी परिवार वालों ने और सबकी कसूरवार जिम्मेवार निकली.....मां।क्योंकि उसी का कुसूर था।उस ने बेटियों को पैदा किया था बेटियां कहना नहीं मानती अब।शादी के लिए चुपचाप हां नहीं बोली। और पढ़ाओ लड़कियों को पढ़कर दिमाग खराब हो गया है।निधि सोच रही थी लगता है यह कहना कि लड़के -लड़की में कोई फरक नहीं लेकिन वास्तविकता हर परिवार में आज भी बहुत भिन्न है।

निधि तय कर चुकी थी कि उसे जिस जॉब का ऑफर आया है उसे करने के लिए वह शहर जररूर जाएगी।यह उनकी जिंदगी का सावाल है।अगर आज उसने हां कर दी तो वह जिंदगी भर दूसरों पर आश्रित ही रहेगी जैसे कि माँ....सब कुछ करने के बाद भी परिवार में सम्मान की पात्र नहीं। उसे लगता शायद अगर उसकी मां भी कमाती तो उसे भी सम्मान प्राप्त होता। समाज की दोगली नीति से दंगल तो करना पड़ेगा जहां लड़के और लड़की में भेदभाव और प्रवचन तो किए जाते हैं लेकिन जब बात आती है तो एक अच्छी लड़की सिर्फ घर की चारदीवारी में ही अच्छी लगती है।जो कमाती भी है...सारा पैसा लाकर देती है सारे काम करती है तभी वो एक अच्छी गृहणि है।विचारधारा को लेकर निधि के मन में जो दंगल चला रहा था।उसने उस में जीत हासिल करते हुए पिताजी को कहा कि वह सुबह जॉब इंटरव्यू के लिए जा रही है। बुआ, दादी पिताजी को ना जाने क्या-क्या बोल रही थी इस तरह ही करेगी तो इसका ना होगा विवाह,बाकी की भी कुंवारी रह जाएंगी।स्कूल से नाम कटवा ले।दिमाग खराब हो जाएंगा।

निधि जानती थी कि आज अगर उसने अपनी जिंदगी की राह का निर्धारण नहीं किया तो वह छोटी बहनें जो अभी उसकी तरह तरफ अबोध -सी दृष्टि से देख रही है वह भी जिंदगी में कोई राह नहीं पकड़ पाएगी सिर्फ मन में यह कुंठा लेकर जिंदगी के हर दंगल में हार जाएंगी कि वह एक लड़की है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action