डिलीवरी

डिलीवरी

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राम्या को अस्पताल में एडमिट करने कि फॉर्मेलिटी में घंटा भर लग गया। मुझसे उसकी तकलीफ देखी नहीं जा रही थी। मैंने डॉक्टर से कहा," मैं अपनी पत्नी की डिलीवरी के समय उसके उसके पास रहना चाहता हूं।"

डॉक्टर ने मेरी ओर सरसरी नजर से देखा,"क्या आप अपने को तैयार कर चुके हैं ?"

 " तैयार ? कैसी तैयारी ? मैने पढ़ा है पति के लेबर रूम में रहने से पत्नी को बहुत हौसला रहता है। मैं आपके काम में कोई अड़चन नहीं डालूंगा, मैं उसे मोरल सपोर्ट ..."

" ना, नहीं मुझे कोई समस्या नहीं है,तैयारी से मेरा मतलब है,क्या आप अपनी पत्नी को इतने कष्ट झेलते देख पाएंगे ? वह चिखेंगी, चिल्लाएगी।"

"मुझे यकीन है मेरे साथ होने से उन्हें हौसला मिलेगा,शायद तकलीफ थोड़ी कम महसूस होगी।"

"देखिए,अगर नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं दिखी तो हमें इनका ऑपरेशन करना पड़ सकता है, ऐसे में आपका थोड़ा सा भी घबरा जाना,खून देखकर बेहोश होने लगाना,हमारे काम में बाधा डाल सकता है और मरीज के लिए खतरा बन सकता है।"

मैं कमजोर दिल का आदमी हूं,राम्या ने ही मेरा हाथ थपथपा कर कहा,"आप बाहर रहें, फिक्र न करें, यहां डॉक्टर हैं, नर्सेस हैं।"

 "डॉक्टर, प्लीज़ कोशिश करें कि नॉर्मल डिलीवरी संभव हो"अब नाराज होने की बारी थी डॉक्टर की।

"क्यों मिस्टर,हम क्यों चाहेंगे कि नॉर्मल डिलीवरी न हो ?अब इनकी यह पहली डिलीवरी है,अगर हम केस खराब होता देखें और इनकी जान को खतरा देखें तो क्या करें ?

अभी आप जाइए और यह दवाइयां काउंटर से लेे आईए।हमारी हर संभव कोशिश होगी कि नॉर्मल डिलीवरी ही करें,फिलहाल आप 80,000 रुपए काउंटर पर जमा करा दीजिए।"

 डॉक्टर के निर्देश मुताबिक मैने फौरन रुपए जमा किए और दवाइयां भी लेे आया।  

अब लेबर रूम में डॉक्टर,नर्स ओर राम्या थी।में जानता हूं अब यह डॉक्टर आकर कहेगी,"बच्चा उल्टा हो गया है या कि उसने पेट में पोट्टी कर दी है,उसकी और मां की जान को खतरा है,आप उस फ़ॉर्म पर साइन कर दीजिए ।"

सिन्हा बता रहा था उसे यही कहा था, वह बेहद घबरा गया था,उसने फौरन ऑपरेशन के लिए हां कर दी थी।

वर्मा बता रहा था 99% डॉक्टरों की कोशिश रहती है।

  कि बच्चे ऑपरेशन से ही पैदा हों और जानबूझकर नॉर्मल डिलीवरी को भी ऑपरेशन का रूप बना देते हैं।

डिलीवरी से पहले और बाद में झोली भर-भर कर दवाइयां देते हैं। डिलीवरी के वक्त औरत का पति तो दूर की बात है, औरत की माँ या बहन को भी अंदर रहने नहीं देते और अंदर डॉक्टर और उसकी नर्स क्या करती हैं, यह तो वे ही जाने। 

पड़ोस की शर्माजी की मिसेज बता रही थीं,"भाईसाहब, नॉर्मल डिलीवरी की फीस है

 20,000 से 30,000 और ऑपरेशन वाली डिलीवरी की ₹70,000 से 80,000 ₹ । कौन सा डॉक्टर चाहेगा कि उसके हाथ से यह रुपये निकल जाएं ?इसलिए ये नॉर्मल डिलीवरी जानबूझकर नहीं कराते !"

शर्माजी बोले," आखिर उनको भी तो नोट कमाने हैं, बच्चों को बड़े-बड़े स्कूलों में पढ़ाना है। महंगी गाड़ियां लेनी हैं, बड़ा घर बनाना है, गुंडा टैक्स देना पड़ता है।"

मुझे यकीन नहीं हुआ था,मैने कहा, "ऐसी बात नहीं है, इंसानियत भी कोई चीज़ होती है ? डॉक्टर तो भगवान का रूप होते हैं।"

" इंसानियत से क्या लेना इनका तो पैसा ही धर्म होता है और वही इनका सब कुछ होता है।"हंसे थे शर्माजी, अनुभवी है तीन-तीन बच्चे हैं।

तभी नर्स बाहर आयी,"मुबारक हो, नॉर्मल डिलीवरी हुई है,आप जच्चा से मिल सकते हो।


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