डायरी जून 2022 पितृ दिवस
डायरी जून 2022 पितृ दिवस
सखी,
आज तो पितृ दिवस है। आज के जमाने में जब अपनी संतानें अपने "जनक" का सार्वजनिक अपमान करने से नहीं चूकती हैं तब ये "पितृ दिवस" का दिखावा करना आवश्यक हो जाता है।
लेकिन सखी, एक बात है। जब तक मन में मान सम्मान नहीं हो तब तक कोई भी "दिवस" मनाने का कोई मतलब नहीं है। यदि माता पिता की अवज्ञा करते हों तो "मातृ दिवस" या "पितृ दिवस" मनाने का कोई औचित्य नहीं है।
भगवान श्रीराम ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया था कि सौतेली मां की आज्ञा मानकर वे वन गमन कर गये। इसलिए रामायण हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। इसे पढिए और अपने बच्चों को अवश्य पढाइए। अंग्रेजी पढाई ने हमें हमारी संस्कृति से विमुख कर,दिया है। इसीलिए हम अपने माता पिता का सम्मान करना भूल गये हैं।
कोई बात नहीं है सखी, अब भी ज्यादा देर नहीं हुई है। जब जागो तब सवेरा। तो क्यों नहीं आज से ही शुरू करें ?