HARISH KANDWAL

Classics

4.2  

HARISH KANDWAL

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दादी की सीख

दादी की सीख

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निशि ने एमए करने के बाद फिजियोथेरेपी का कोर्स करने के लिए गॉव से शहर चली गयी। फिजियोथैरेपी का कोर्स करने के बाद उसकी शादी के लिए मॅा बाप लड़का देखने लग गये, नाते रिश्तेदार सभी को लड़का देखने की जिम्मेदारी दी जाने लगी। निधि को उसकी दादी बहुत अच्छा मानती थी, उसको भी निशि की चिंता रहती। निशि दिखने में सुंदर है, लेकिन वह अपने आपको आज के हिसाब से फिट कम ही रखती है, उसको साधरण जीवन जीना अच्छा लगता है।

जब भी कोई रिश्ता आता तो निधि सामान्य पहनावे में ही लड़के के सामने चली जाती और उससे बातें करती। कुछ अच्छे रिश्ते आये तो कुण्डली नहीं मिली कहीं कुण्डली मिली तो किसी को ल़ड़की पसंद नहीं आयी तो कभी निधि को लड़का पंसंद नहीं आया। समय बीतता गया निधि की उम्र बढती चली गयी, अब समझौते वाले रिश्ते आने शुरू हो गये, अब निशि ने सोचा कि वह समझौता वाला रिश्ता नहीं करेगी, उसने घर में सबको कह दिया कि वह अब शादी नहीं करेगी।

कुछ समय बाद निशि रोजगार की तलाश में दिल्ली फरीदाबाद आदि शहरों की तरफ चली गयी, वहॉ कभी किसी की फिजियोंथैरेपी करती तो कभी वह डांस क्लास में बच्चों को डांस सिखा देती। वहीं कुछ दिन बाद योगा भी सीख लिया और लोगों को योगा कराना भी सिखा दिया। इस बीच में निशि ने शहरों में रहकर संघर्ष किया, बहुत से अनायास व्यवहार भी उसके साथ हुआ लेकिन वह कभी डिगी नहीं, उसे हमेशा अपनी दादी की दी हुई सीख याद आ जाती, उसकी दादी उसे हमेशा कहती कि कभी समझौता मत करना और कभी किसी के सामने अनायास मत झुकना या डरना, जहॉ तुम्हारी गलती हो उसको मान लेना। जब एक औरत बच्चे को जन्म दे सकती है तो वह इस दुनिया में सब कुछ कर सकती है। बस इसी धारणा को मन में लिए निशि आगे बढती जाती।

निशि सामाजिक कार्यो में विशेष रूचि रखती उसके बहुत से लोगों के साथ जान पहचान भी हो गयी बहुत से लोगांं ने उसको अलग अलग सुझाव देना शुरू कर दिया, जितनी मुॅह उतनी बातें होती। ईधर गॉव में शादी के लिए मॉ बाप रिश्तेदार दबाव बनाते, कभी कभी सोचती कि शादी कर ही लेती हॅू लेकिन जब कोई लड़का आता और कहता कि आपकी इतनी उम्र हो गयी आपने शादी क्यों नहीं कि जैसे अटपटे और बेतुके सवाल पूछता तो निशि का खून खौल उठता, वह कहती कि यदि मैं शादी कर लेती तो तुम यह सवाल मुझसे कैसे करते। शादी कब करूं कैसे करूं किससे करूं वह मेरी मर्जी है, उम्र पर क्यों नहीं कि इसका जबाब में वह कहती कि जब जब मैनें उस उम्र्र में शादी करने की सोची तब तब मुझसे लड़के पक्ष वालांं ने अनायास ही अपेक्षा रखनी शुरू की तब तब मुझे लगा कि मैं शादी नहीं बल्कि समझौता कर रही हॅू। मैं शादी को समझौता नहीं बल्कि दो व्यक्तियों के बीच का अटूट विश्वास मानती हॅूं और मेरी दादी हमेशा कहती थी कि जब तक दो व्यक्तियों के बीच एक दूसरे के प्रति विश्वास और प्रेम ना हो तो वह रिश्ता हमेशा समझौता होता है, और समझौते हमेशा टूट जाते हैं।

ईधर दादी का स्वर्गवास हो गया और निशि को लगा कि अब उसकी दुनिया में सबसे प्यारी उसकी दादी को ईश्वर ने उससे छीन लिया है, वह अंदर से टूट गयी और इतनी टूट गयी कि वह बीमार रहने लगी, कभी कभी उसका मन करता कि वह आत्म हत्या कर लेकिन दादी की सीख याद आ जाती कि संघर्ष करने से ही इंसान मजबूत बनता है, मरना या आत्महत्या करना किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। जीवन कष्टों से भरा है, उन कष्टों से निपटना ही बुद्धिमानी है। दादी की यही सीख उसे जिंदा रखने के लिए प्रोत्साहित करती। अब ईधर निशि के भाई की शादी भी हो गयी, भाभी भी उसके लिए रिश्ते की तलाश करने लगी लेकिन निधि को उसके हिसाब का जीवन साथी नहीं मिल पाया। घर वाले चिंतित थे, लेकिन निशि को लगता था कि वह कुवांरी रहना पंसद करेगी लेकिन समझौता करना नहीं।

एक दिन सपने में दादी ने कहा कि निशि अब तुम्हारी उम्र ऐसी नहीं रह गयी है कि जो तुमको तुम्हारे हिसाब से जीवनसाथी मिल सके लेकिन तुम अच्छे का ही चुनाव करना। मैं चाहती हॅू कि मेरी निशि दुल्हन बनें, इतने में उसका सपना टूट गया। उसी दिन निशि के लिए एक और रिश्ता आया, पहली बार उसके हिसाब से रिश्ता आया, सब कुछ पंसद आया , लड़के से बातचीत करना भी अच्छा लगा, तब यह हो गया था कि उसकी शादी हो जायेगी, लड़के वालों ने एक हप्ते का समय मॉगा और कहा कि हम आपको बता देगें। निशि की उम्मीदे बढ गयी थी उसको पूरा विश्वास था कि अब तो उसका भी संसार बस जायेगा, उसकी भी अपनी जिंदगी होगी, उसका भी कोई एक जीवन साथी होगा, बस इन्हीं ख्वाबों में डूबी निशि दिन में भी खुले ऑखों से सपना देखने लगी। शायद पहली बार किसी के लिए वह इतनी गंभीर हुई होगी। लेकिन ईधर हप्ते महीनों बीत गये लड़के वालों की तरफ से कोई जबाब नहीं आया, ईधर निशि को इंतजार था कि लड़के वालों का फोन जरूर आयेगा। इसी इंतजार में निशि है, उसे लगता है कि उसकी शादी होगी तो उस ही लड़के से ही....... क्या निशि की शादी उस लड़के से होगी या फिर उसकी दादी की सीख कुछ और करवायेगी शेष भाग 02 में पढिये। 


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