चल हट
चल हट
पत्रकार:-- इस शहर का सबसे गरीब इलाका कौन सा है ?
मित्र:-- आगे एक छोटा तालाब है उसके पार गरीबों की बस्ती है।
पर क्यों पूछ रहे हो ?
पत्रकार :-- अखबार के लिए खबर छापनी है, कुछ तस्वीरें चाहिए , हमारे देश के नेता करते धरते तो कुछ नहीं बस बड़ी बड़ी योजनाएँ बनाकर जनता को छलते रहते हैं। गरीब बच्चों की पढ़ाई तो दूर , दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं होती, बस नारे बाजी और भाषण के लिए कह दो तो दस कदम आगे रहते हैं........
मित्र:--- मैं चलता हूँ, कुछ काम याद आ गया।
पत्रकार:-- तुम मुझे ले नहीं चलोगे वहाँ ?
मित्र:-- ठहरो;
( दूर खड़े कुछ बच्चों के झुंड से एक बच्चे को आवाज दी)
बच्चा:-- क्यों बुलाया मुझे ?
मित्र:- ये अंकल जी को तालाब के पार ले जाओगे ?
बच्चा:- जरूर पर.....
मित्र:-- पर....... क्या ?
बच्चा:-- मुझे दस रूपए चाहिए, आप देंगे ?
पत्रकार:-- (गुस्से में) क्यों चाहिए दस रूपए ?
बच्चा:-- पास में चने मुरमुरे का ठेला लगता है, बहुत स्वादिष्ट बनाता है वो, सुना है पर खाया नहीं कभी, आप रूपए देंगे तो हम सभी दोस्त आज पार्टी कर लेंगे।
पत्रकार:-- चल हट ! भाग यहाँ से। मैं खुद चला जाऊँगा।
