छू नहीं सकता गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की बढ़ती हुई कीर्ति जब कुछ लोगों को स
छू नहीं सकता गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की बढ़ती हुई कीर्ति जब कुछ लोगों को स
गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की बढ़ती हुई कीर्ति जब कुछ लोगों को सहन नहीं हुई तो वे लोग उनके विषय में उलटी सीधी बातें फैलाने लगे
लेकिन गुरुदेव समान भाव से सब बरदाश्त करते रहे। शरच्चंद्र चटर्जी से जब ये कटु आलोचनाएँ नहीं सही गईं तो उन्होंने गुरुदेव से कहा कि आप इन आलोचकों का मुँह बंद करने के लिए कोई उपाय तो करिए।
गुरुदेव फिर भी शांत-सरल भाव से बोले, “उपाय क्या है, शरत् बाबू? जिस शस्त्र को लेकर वे लड़ाई करते हैं, उसको तो मैं हाथ भी नहीं लगा सकता।”
सीख कुत्तों के भौंकने पर भी शेर खामोश ही रहते हैं।
