Brijesh Shriwash

Inspirational Others

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हाथी और सियार

हाथी और सियार

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दनवन एक विशालकाय जंगल था। जंगल में सभी प्रकार के जानवर रहते थे। जंगल में मोती नाम का एक हाथी भी रहता था। मोती हाथी का शरीर काफी बड़ा था। एक बार चंदनवन में दूसरे वन से घूमते -घूमते एक सियार आया। सियार ने जब मोती हाथी को देखा, तब उसे देखकर सियार के मुँह में पानी आने लगा। सियार, हाथी को खाने के बारे में सोचने लगा और मन ही मन सियार का शिकार करने की योजना बनाने लगा। सियार सोचने लगा कि यह हाथी बहुत बड़ा है, अगर मैं इसका शिकार कर लूँ, तब मुझे कई दिनों तक भोजन की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। ऐसा सोचकर सियार हाथी के पास गया और उससे बोला, ” हाथी दादा हमारे जंगल में कोई राजा नहीं है, हमारे जंगल के सभी जानवर चाहते हैं, कि कोई बड़ा और समझदार जानवर हमारे जंगल का राजा बने”, आप बड़े और समझदार दोनों है, क्या आप हमारे जंगल का राजा बनना पसंद करोगे ?

सियार की बात सुनकर हाथी खुश हो गया। उसने राजा बनने के लिए हाँ बोल दिया। इसपर सियार ने हाथी को अपने साथ चलने के लिए बोला। हाथी राजा बनने की ख़ुशी में झूमते हुए सियार के साथ जाने के लिए तैयार हो गया। सियार हाथी को ऐसे तालाब में ले गया, जिस तालाब में दलदल था। हाथी राजा बनने की ख़ुशी में इतना मस्त था कि वह बिना सोचे तालाब में नहाने उतर गया।

जैसे ही हाथी दलदल वाले तालाब में उतरा, हाथी के पैर दलदल में धंसने लगे। उसने सियार से बोला, “तुम मुझे कैसे तालाब में ले आये, मेरी मदद करो मेरे पैर दलदल में धंस गए हैं।"

हाथी की बात सुनकर सियार जोर जोर से हंसने लगा और हाथी से बोला, “मैं तुम्हारा शिकार करना चाहता था, इसलिए मैंने तुमसे राजा बनने की बात का झूठ बोली। अब तुम दलदल में फंसकर मर जाओगे और मैं तुमको अपना भोजन बनाऊंगा।"मदद

सियार की बात सुनकर हाथी की आँखों से आंसू आने लगे। उसने बाहर निकलने की बहुत कोशिश की, बहुत बार सियार से बाहर निकालने की विनती की, लेकिन सियार ने उसकी कोई मदद नहीं की और हाथी कुछ देर के प्रयत्न के बाद मर गया। हाथी के मरने के बाद सियार हाथी को खाने के लालच में उसकी पीठ पर चढ़ गया। हाथी को खाने के लालच में सियार यह भूल गया कि वह भी हाथी के साथ दलदल में नीचे जाता जा रहा है। और अंत में, सियार भी हाथी के साथ धीरे धीरे दलदल में धंसकर मर गया।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, कि जो दूसरों के लिए बुरा करता है, उसके साथ भी बुरा होता है। इसलिए हमें जीवन में कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए, अगर हम किसी के लिए बुरा करते हैं, तब हमें भी अपने साथ ऐसा होने के लिए तैयार रहना चाहिए। क्यूंकि बुरे कर्म का फल हमेशा बुरा होता है, इसलिए किसी के साथ कभी बुरा ना करें। आपको हमारी ये कहानी कैसी लगी और आपने इससे क्या सीखा, हमें कमेंट करके जरूर बतायें।


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