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Thakkar Nand

Inspirational

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Thakkar Nand

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बीरबल की खिचड़ी

बीरबल की खिचड़ी

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80

एक बार की बात है अकबर अपने ख़ास मंत्रियों और बीरबल के साथ अपने बगीचे में घूम रहे थे। तब बहुत ठंड का मौसम था। तब एक मंत्री ने बोला इतनी ठण्डी है की कोई भी आदमी ऐसी ठण्ड में काम नहीं करना चाहेगा। सब अपने घर में बैठे होंगे और आलस्य कर रहे होंगे। तब अकबर ने अपने बगीचे के जलाशय का पानी छू कर देखा तो वह बहुत ठंडा था।

अकबर बोले तुम सही कर रहे तो बहुत ठण्ड है इससे पानी भी बर्फ जितना ठंडा है। बीरबल ने अकबर की बात को काटते हुए कहा की जहाँपनाह ठण्ड तो जरूर है लेकिन अभी भी आपके राज्य में ऐसे गरीब लोग है जो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार है। मेरी बात को काटना जरूरी है। अकबर ने बीरबल को कहा क्या तुम इस बात को साबित कर सकते हो क्या तुम हमारे राज्य में से ऐसा आदमी ढूंढ कर ला सकते हो जो पूरी रात इस पानी में खड़ा रहे तो मैं उसको 10 अशर्फिया दूंगा। बीरबल बोला बिल्कुल मैं हमारे राज्य में से ऐसा आदमी जो पैसों के लिए पूरी रात इस ठन्डे पानी के खड़े रहने के लिए तैयार हो। आज शाम तक ढूंढ कर दरबार में पेश कर दूंगा। इसके बाद बीरबल ऐसा आदमी ढूंढने चला गया। शाम को जब दरबार लगा तो अकबर ने बीरबल से पूछा क्या तुमने ऐसा व्यक्ति ढूंढ लिया है तो बीरबल ने कहा हाँ मैंने ऐसा व्यक्ति ढूंढ लिया है।

अकबर ने आदमी को पेश करने को कहा। व्यक्ति अकबर के दरबार में पेश हो गया। अकबर ने उस व्यक्ति से पूछा की तुमको बीरबल ने सब समझा दिया है ना व्यक्ति ने हाँ बोला। अकबर ने कहा इस व्यक्ति की अच्छे से खातिरदारी करो क्योंकि यह इसकी आखिरी रात हो सकती है। इसके बाद व्यक्ति पानी में सारी रात खड़ा होने के लिए चला गया और वह पूरी रात ठन्डे पानी में खड़े रहने में सफल रहा। अगले दिन सुबह जब दरबार लगा तो वह व्यक्ति पेश हुआ। अकबर ने बड़े आश्चर्य से पूछा क्या तुम सारी रात इतने ठन्डे पानी में खड़े रहे तो व्यक्ति ने हाँ में जवाब दिया सैनिकों ने भी बताया की वह व्यक्ति सारी रात ठन्डे पानी में खड़ा रहा।

अकबर ने उस व्यक्ति से पूछा आखिर तुमने ऐसा कैसे किया इस पर व्यक्ति बोला शुरू में इतने ठन्डे पानी में सारी रात खड़ा रहना बहुत मुश्किल जरूर था लेकिन मैंने जलाशय के पास लगे एक दिये पर ध्यान लगाया जिससे मैं यह कर पाया।

अकबर ने कहा अच्छा तो तुमने दिये को देखकर उससे गर्मी ली जिसकी वजह से तुम सारी रात उस ठन्डे पानी में खड़े रहे यह तो धोखा है इसलिए तुमको इनाम नहीं दिया जायेगा। इसके बाद वह व्यक्ति चला गया। बीरबल अकबर को किसी जरूरी काम को बता कर अपने घर चला गया। जब शाम के समय दरबार लगा तो बीरबल दरबार से गायब था ।

अकबर ने जब अपने सैनिकों को कहा जाकर पता करो बीरबल क्यों नहीं आए। सैनिकों ने आकर अकबर को बताया की बीरबल खाना बना रहे है जब खाना बन जायेगा तो खाकर दरबार में आ जायेंगे। जब बहुत देर तक बीरबल दरबार में नहीं आये तो अकबर ने कहा मुझे खुद ही जाकर देखना पड़ेगा क्योंकि बीरबल कभी भी दरबार में इस तरह अनुपस्थित नहीं रहते।

इसके बाद अकबर बीरबल के घर गए और देखा की बीरबल खिचड़ी बना रहे है और खिचड़ी का बर्तन आग से बहुत ऊपर रख रखा है। अकबर ने बीरबल से पूछा यह तुम क्या कर रहे हो। बीरबल ने बताया वह खिचड़ी बना रहे है। अकबर ने बीरबल को कहा की तुमने खिचड़ी के बर्तन को आग से इतनी दूर रख रखा है तो खिचड़ी कैसे बनेगी। बीरबल ने कहा जिस तरह वह व्यक्ति दिये की गर्मी से सारी रात ठन्डे पानी में खड़ा रह सकता है इसी तरह खिचड़ी भी आग से दूरी से गर्मी लेकर बन सकती है।

अकबर को इस बात पर अपनी ग़लती का अहसास हुआ और उन्होंने बीरबल को कहा तुम जीत गए मैं हार गया। अकबर ने जो व्यक्ति सारी रात ठन्डे पानी में खड़ा रहा था उसको इनाम अनुसार 10 सोने की अशर्फिया दी। अकबर ने बीरबल की तारीफ़ करी और कहा तुमने बहुत ही अच्छे तरीके से मेरी ग़लती का अहसास मुझे करा दिया।   


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