STORYMIRROR

Kaushik Dave

Comedy Fantasy Others

3  

Kaushik Dave

Comedy Fantasy Others

भूतों की गपशप

भूतों की गपशप

2 mins
7

भूतों की गपशप

 ऐ सुन बे

 तमीज से बात कर। मैं इन्सान नहीं हूं। मेरी भी रिस्पेक्ट है। भूतों की बिरादरी में मुझे मान से बुलाते हैं।

 सोरी सोरी, मेरे सिनियर भूत। वो क्या है कि मैंने मुन्ना भाई पांच बार देखी है। इसलिए मेरी भाषा बंबइया हो गई है।

 अच्छा! तुम जैसे भूत सारी रात फिल्म देखते रहते हैं और वो क्या कहते हैं? वो अश्लील वेब सिरीज़ इन्सान देखते हैं उस वक्त आप लोग भी देखते हैं। हमारा कार्य क्या है वह भूल जाते हैं। तुम जैसे भूतों की वजह से हम जैसे भूत बदनाम होते हैं।

 सोरी सोरी, मैं अपना कार्य भूल जाता हूं। लोगों को डराने की जगह मैं फिल्म देखने बैठ जाता हूं। और आजकल मल्टीप्लेक्स में देखने का मन रहता है और सारी रात वहां ही देखते देखते सो जाता हूं।

 फिल्मों के चक्कर में इन्सान बिगड़ जाता है और अब भूत भी। ठीक है ठीक है आइंदा ध्यान रखना मल्टीप्लेक्स की तरफ़ नजर मत करना।

 लेकिन सर, हमारे भूतों का कार्य क्या हो सकता है?


 विविध प्रकार के कार्य होते हैं। उसके लिए अलग से क्लास लेना पड़ेगा। रविवार को मैं ओनलाइन क्लास लूंगा और हमारे कार्यो की रुपरेखा और प्रोमो भी करुंगा। अब बातें बहुत हो गई है। सुबह होने वाली है। जल्दी जाना है वर्ना मेरी भूतनी बेलन से मुझे मारेगी। क्या तुम शादीशुदा हो। तेरे साथ तेरी भूतनी रहती है? तु भी जल्दी चला जा। यह इन्सान लोग हमारे बारे में अनाप-शनाप लिखते रहते हैं। सुना है आज लिपि ने एक सब्जेक्ट दिया है। भूतों की गपशप। तुम पढ़ कर मुझे बताना। हमारे बारे में लोगों की सोच क्या है? मेरा रिचार्ज ख़त्म हो गया है। अच्छा कल फिर मिलेंगे।इसी जगह पर इसी समय।

 लेकिन सर, मुझे पढ़ने में इंटरेस्ट नहीं है इसलिए फिल्म देखता हूं।

 इतने में चिड़ियों की आवाज आई और सुबह हो गई। - कौशिक दवे  


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Comedy