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Kaushik Dave

Comedy Drama Fantasy

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Kaushik Dave

Comedy Drama Fantasy

चाय पार्टी

चाय पार्टी

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सुबह सुबह एक मित्र का फोन आया।

बोला:-' क्या चल रहा है?'

मैंने कहा:-' कुछ नहीं।'

चाय की चुस्की लेते हुए बोला

मित्र:-' ओह चाय पार्टी हो रही है भाभीजी के साथ'

मैंने कहा,' हां सुबह सुबह चाय पार्टी हो रही है। तुम भी आ जाओ।

मित्र:-' नहीं मैं नहीं आ सकता। मैं भी चाय पी रहा हूं लेकिन अकेले अकेले।

मैं:-' अच्छा !भाभीजी बाहर है या कंपनी नहीं दे रही।

मित्र:-' अपने मैके चली गई है।'

मैं:-' क्यूं क्या कोई खास बात है ?'

मित्र:-' नहीं लेकिन रूठ जाना आदत है।'

'अच्छा तो मनाना भी आना चाहिए।'मैं बोला

'यही तो प्रोब्लम है।'

'क्या प्रोब्लम ह?'

'मेरे लिए चाय बनाकर अपने कमरे में चली गई।कमरे का दरवाजा भी बंद कर दिया।'

'तो बोल दो कि अब की बार चाय पार्टी तेरे संग।


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