भूतनी का घर
भूतनी का घर
एक दिशक शहर की बात है। जहा एक घर था जो बहुत पुराना था। वह घर कई लोगो ने खरीदा था। लेकिन उनका किसी न किसी घटना से मृत्यु हो जाती थी।
एक दिन कबीर नाम का व्यक्ति उस घर को खरीद लिया वह भी बिलकुल सस्ते भाव मे और अपने बेटे राज के साथ रहने लगा।
उसे घर खरीदे एक दो दिन ही हुआ कि कबीर को घर मे किसी की मोजुदगी मह्सुस होने लगी थी।
तीसरे दिन ही एक बार राजने कहा :- पापा वाशरूम का नल अपने आप चालू होकर बंद हो गया। कबीर ने पूछा :- कोई था वहा पर ?
राज :- हा पापा एक साड़ी पहेनी औरत थी फिर राजने कहा पापा वो औरत आपके पिछे खड़ी हैं।
कबीर :- अभी वो क्या कर रही है।
राज :- वो आगे जा रही है।
तब कबीर डर गया और राज के पास आ गया। उसी दिन कबीर एक कुता खरीद कर लाया। कुता भी घर आने के बाद यहा वहा भोकता था।
चौथे दिन खुब तेज बरसात होने लगा और आँधी आ गयी थी।
तब कबीर घर का दरवाजा खिड़की बंद कर दिया। उसी समय बिजली भी चली गई थी। घर मे वापस साड़ी वाली औरत का अनाजाना शुरू हो गया। कबीर डर से वापस खिड़की खोल दिया।
और बाहर देखा तो सभी के घर बिजली था बस उसी के घर नही था। कबीर टॉर्च लेकर घर के निचे पावर हाउस मे गया तो उसके पीछे पीछे उसका कुत्ता भौंकते – भौंकते आने लगा।
कबीर जेसे पावर हाउस का दरवाजा खोला तो उसे वहा एक डेडबॉडी दिखाई दिया। कबीर डर गया और तुरंत वहा से भागा और अपने बेटे राज को लेकर घर के दरवाजा बंद करके घर से भागना शुरू किया।
बारिश बहुत तेज बरस रही थी कबीर अपने बेटे राज साथ बहार भागते – भागते कबीर का पैर एक खड्डे मे अटक गया।
राज कबीर को निकलना चाहा लेकिन कोई उसे खिच रहा था। राज खुब कोशिश किया। निकाल नहीं पाया।
कोई राज और कुत्ते को लेकर घर गई और दरवाजा बंद कर दिया।
कबीर को निकलने मे पाँच मिनट लगा। वह वापस घर मे गया तो दरवाजा खुला था। कबीर राज और कुत्ते को खुब ढूँढा लेकिन उसे राज और कुत्ता कही भी नहीं दिखाई दिये। कबीर वही घर मे रहने लगा।
एक कस्टमर कबीर का लोन पास करने कबीर के घर आया था। वह तुरंत भागा वहा से कबीर बाहर आकर पूछे :- क्यो भाई आप बाहर क्यो आये।
कस्टमर :- आप के घर में एक औरत एक लड़का और एक कुत्ता दिखाई दिया।