भूत की सच्ची डरावनी कहानी
भूत की सच्ची डरावनी कहानी


एक रात 3 बजे, मेरे बेडरूम की खिड़की (जो दूसरी मंजिल पर है) के बाहर चमकती रोशनी और धूप की तेज गंध थी।
मैं बाहर आ गया था और मैंने अपनी मां को जगाया (जो अब तक की सबसे शक्की शख्स है) और उनसे खिड़की बंद करने को कहा और मुझे यह भी याद आया कि यह खिड़की मैंने बंद भी की थी।
लेकिन मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया।पहले तो वह नीद में बडबड़ाई और उसके बाद उसने फिर से खिड़की बंद कर दी।अगले दिन जब मैं सुबह उठा तो मुझे रात कि बाद पर हंसी आई।
मुझे लगा कि यह एक कल्पना थी। मैं बाहर आया और मां से इसके लिए क्षमा मांगी। समय बीता। अब उस घटना को करीब ५ साल हो गया था। मुझे एक बहुत ही खुबसूरत लड़की से प्यार हो गया था।
मैं आज उसके साथ डेट पर था। वह बड़ी ही खुबसूरत दिख रही थी। उसका नाम क्षमा था।उसने बताया था कि उसके पिता एक तांत्रिक थे और उसे भी इन सब के बारे में बहुत कुछ पता था और शायद यही कारण था कि मैं उसकी तरफ आकर्षित हुआ। क्योंकि मुझे भी इस तरह की चीजों में थोड़ी बहुत रूचि थी।हालांकि मैं उसके पिता से अभी कभी मिला नहीं था। मेरी क्षमा से पहचान एक सोसिअल साइट्स से हुई थी।
बातों बात में उसने बताया कि हाल ही में उसकी दोस्त मोनिका कहीं बाहर गयी थी तो वह उसके घर पर रुकी थी और उसे वहाँ पर कुछ paranormal activitis महसूस हुई।
मैंने जब मोनिका से इस बारे में बात की तो उसने बताया कि हाँ कुछ दिन से वहाँ कुछ डरावना हो रहा है। तब मैंने कहा कि ठीक है मैं इसे ठीक कर सकती हूँ,
इसके लिये मुझे कुछ सामान चाहिए। लेकिन अगले ही दिन मोनिका कि मृत्यु कि खबर आई और मैं उस घर को छोड़ दिया। अभी सुना है कि उस घर में अब कोई नहीं रहता है।
क्या आप उस घर पर चलना चाहेंगे? यह बहुत ही रोमांचकारी होगा…क्षमा ने कहा। क।।क।।क्या तुम पागल हो गयी हो। यह सच है कि मैं इन सब चीजों में इंटरेस्ट रखता हूँ, लेकिन मैं इसे लेकर पागल नहीं हूँ…।।मैंने कहा।
अरी यार मैंने तो झूठ बोला था। उस घर में कोई भूत वगैरह नहीं है। लेकिन
वह रूम अभी खाली है और वहाँ हमारे और तुम्हारे अलावां और कोई नहीं होगा…क्या ख्याल है…
क्षमा के इस कातिलाना अंदाज पर मैं फ़िदा हो गया और वहाँ जाने को तैयार हो गया। जब मैं घर पर पहुंचा तो मुझे इक अजीब सा अहसास हुआ जैसे कोई मुझे चुपके से देख रहा हो। लेकिन मैंने इसे भ्रम समझा और अन्दर गया।
यार यह रूम कितना मनहूस दिख रहा है। कितने दिनों से खाली है यह…मैंने क्षमा से पूछा। बस कुछ दिनों से ही…।क्षमा ने छोटा उत्तर दिया
हम बेडरूम में आ गए थे। हमने वहा एक लंबा किस किया। तभी मुझे हाल में किसी के चलने कि आवाज सुनाई दी। यह भ्रम नहीं हो सकता जरुर यहाँ कुछ है।
मैंने सोचा। मैं चुपचाप बेडरूम से बाहर आया और धीरे से हाल में झाँका, लेकिन वहाँ कुछ भी नहीं दिखा। मैं गेस्ट रूम में भी देखा लेकिन कोई नहीं था। मैं वापस लौट रहा था कि मुझे एक काला मानव शरीर वहाँ दिखाई दिया। वह एक परछाई थी भूत की।
मैं तेजी से बेड रूम कि तरफ भागा। मैं बहुत घबराया हुआ था। मैं जोर से चिल्लाना चाह रहा था, लेकिन मेरी आवाज नहीं निकलरही थी।मैंने देखा कि क्षमा वहां दिखाई नहीं दे रही थी।
अब मुझे सारी बात समझ में आने लगी। मैं तेजी से भागना चाह रहा था। मैं जैसे ही दरवाजे कि तरफ बढ़ा वहां क्षमा खड़ी थी। उसका पैर उलटा था। वह सफ़ेद गाउन पहनी थी और उसके मुंह से खून निकल रहा था।
मैं बुरी तरह डर गया। मुझे लगा कि अब मै नहीं बच सकता। मैंने यहाँ आकर बहुत। यहाँ क्यूँ , मैंने इस लड़की के चक्कर में आकर ही बड़ी गलती कर दी।
मैंने यह सोच रहा कि वह मेरे काफी करीब आ गयी। मैं डर कर गिर गया और मेरे गिरते ही मेरे गले की हनुमान जी कि लाकेट बाहरा गे। जिसे देखते ही वह जोर से चिल्लाने लगी और पीछे हटने लगी।
मैं हनुमान चालीसा पढ़ने लगा और हनुमान चालीसा पढ़ते हुए मैं उस घर से बाहर आया और गाडी में बैठकर तेजी से वहा से भाग निकला। मैंने सोचा आज मुझे नया जन्म मिला है। मैंने अपना सोसिअल साइट्स का अकाउंट हमेशा कि लिए बंद कर दिया।