बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
ऑफिस के लगभग सभी लोग जा चुके थे।बस नेहा और रोहित ही अभी तक बैठे काम कर रहे थे।रोहित नेहा के पीछे वाली सीट पर बैठता था इसलिए नेहा का ध्यान उस पर गया नहीं कि उसके साथ साथ ऑफिस में वो भी बैठा है।अचानक से कुछ गिरने की आवाज आई तो नेहा का ध्यान टूटा उसने पीछे मुड़कर देखा..रोहित अपनी सीट पर ही बैठे बैठे गिर गया था..वो बहुत घबरा गई।जल्दी से अपनी सीट से उठकर रोहित के पास गई।
नेहा ने रोहित को उठाकर बिठाया उसका शरीर तेज बुखार से तप रहा था।शायद इसी वजह से राहुल को चक्कर आ गया होगा,सोचकर नेहा ने रोहित के चेहरे पे थोड़ा पानी की छींटे मारी तो उसने आँखें खोलीं।नेहा की साँस में साँस आई।फिर उसने देखा कि रोहित को कोई चोट तो नहीं आई पर सब ठीक था।नेहा ने तुरंत अपना काम बंद किया और कैब बुक की।फिर रोहित को कैब में बिठाया और डॉक्टर के पास ले गई।डॉक्टर ने जाँच करके दवा दी और कुछ टेस्ट लिख दिए।
नेहा रोहित को लेकर उसके घर आ गई।उसे चाय पिलाई फिर दवा दी।दवा खाने के बाद रोहित थोड़ा ठीक महसूस करने लगा।नेहा से बोला-"नेहा बहुत देर हो गई है अब तुम भी अपने घर जाओ।मैं अभी ठीक हूँ।" रोहित अकेला रहता था इसलिए नेहा को चिंता हुई कि वो अकेले कैसे सब करेगा?
"रोहित तुम अकेले कैसे मैनेज करोगे?"
"रात रात की बात है,सुबह मेरी मेड आ जाएगी।वो नाश्ता,खाना सब बना देगी।"
"ठीक है,अभी क्या खाओगे? मैं बनाकर दे जाती हूँ।"
"नेहा,तुमने अभी चाय बिस्कुट खिला दिया है और भूख नहीं है।ज्यादा होगा तो रात को दूध पी लूंगा तुम चिंता नहीं करो।रोहित नेहा को समझाते हुए बोला।
"और टेस्ट कराने कैसे जाओगे?"
"पैथोलॉजी वाले को फोन कर दूँगा वो घर आकर ब्लड का सैंपल ले जाएंगे।"
नेहा भी अकेले ही रह रही थी सो उसे घर जाने की इतनी चिंता नहीं थी जितनी रोहित की थी।डॉक्टर ने भी बोला था जब तक टेस्ट की रिपोर्ट्स नहीं आ जाती इनका बहुत ध्यान रखना।
बड़ी असमंजस की स्थिति में थी।क्या करे क्या ना करे?वो ये भी समझती थी कि एक रात किसी लड़के के घर में रहने पर दुनिया वाले क्या सोचेंगे?रोहित के पास पानी दवाइयाँ सब रखकर और उसे ये हिदायत देकर कि कोई भी दिक्कत हो तो वो उसे फोन कर देगा नेहा अपने घर चली गई।
घर आकर भी नेहा को रोहित की ही चिंता सताती रही थी..बेचारा कितना अकेला महसूस कर रहा होगा अपने को?घर वालों को मिस कर रहा होगा?दूसरे दिन भी वो रोहित को मिलकर ही ऑफिस गई।ऑफिस जाकर उसने अजय को रोहित के बारे में बताया तो वो बोला-"अरे,इतना सब हो गया और रोहित ने मुझे फोन नहीं किया।"
"क्या बताऊँ अजय रोहित की कल ऐसी हालत हो गई थी,कि वो बात ही नहीं कर पा रहा था।दवा खाने के बाद थोड़ा बोलने लायक हुआ।"
अजय रोहित के पास वाली सीट पर बैठता था और रोहित का अच्छा दोस्त भी था।
शाम को रोहित ने नेहा को फोन किया-"हेलो नेहा,रिपोर्ट आ गई है सब कुछ नार्मल है बस मलेरिया है।सच तुम न होतीं तो मेरा क्या होता?तुमने मुझे संभाल लिया।" नेहा के चेहरे पर एक मुस्कुराहट सी दौड़ पड़ी।वो बोली-"रोहित हम दोस्त हैं इतना भी नहीं करूँगी तो फिर दोस्त किस बात की।"
ऑफिस से निकलने के बाद अजय और नेहा रोहित से मिलने उसके घर गए।जब तक रोहित ठीक नहीं हो गया नेहा उसे रोज मिलते हुए ही घर जाती थी।
इन पाँच छः दिनों में नेहा का रोहित के प्रति ऐसा लगाव हो गया था,कि वो उससे मिले बिना रह नहीं पाती थी।मन ही मन वो उसे चाहने लगी थी।
रोहित ठीक हो गया और ऑफिस आने लगा।नेहा बहुत खुश थी।रोहित उससे मिलता बाते भी करता पर उसके व्यवहार से कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि वो भी नेहा से प्यार करता है।नेहा रोहित के लिए कभी कुछ बनाकर लाती तो कभी उसे जबरदस्ती केंटीन में चाय पिलाने ले जाती।वो उसके प्यार में इस कदर पागल थी,कि ऑफिस के लोग भी इस बात को समझने लगे थे।
संयोग से वेलेंटाइन डे था।नेहा गुलाबी सूट पहनकर ऑफिस आई थी।वो बहुत खूबसूरत लग रही थी।अजय रोहित की चुटकी लेते हुए बोला-"आज तो नेहा को प्रपोज कर ही दे।कितना चाहती है वो तुझे।"
अजय की बात सुनकर रोहित कुछ पल के लिए अतीत में खो गया।उसे याद आ गए वो दिन जब रिया उसकी जिंदगी मे आई थी।इंजीनियरिंग करने के बाद रोहित को अपने ही शहर में नौकरी मिल गई।रिया उसके ही ऑफिस में काम करती थी।वो दूसरे शहर से आई थी।यहाँ किसी को जानती नहीं थी इसलिए कोई भी काम होता तो वो रोहित की मदद लेती थी।अपना काम निकलवाने के लिए वो रोहित से प्यार का नाटक करने लगी।रोहित सच मानकर रिया के प्रेम में इतना पागल हो गया कि उसे कुछ भी सुध नहीं रहती कि रिया उसे अपने काम के लिए कैसे इस्तेमाल कर रही है?वो तो बस उसके मोह जाल में फँसता चला गया।
रोहित मध्यम परिवार से था।फिर भी रिया को कभी महँगे तोहफ़े दिलाकर देता तो कभी होटलों में ले जाता।उसके घरवालों ने उसे बहुत समझाया था कि वो रिया से दूर रहे पर वो तो रिया के प्रेम में पागल हो चुका था।रिया ने कई वादे किए,कई कसमें खाईं पर एक दिन वो सब तोड़कर ऐसा गई कि पीछे मुड़कर भी नहीं देखा कि रोहित उसके बिना कैसे रहेगा?उसने किसी बड़े बिजनेसमेन से शादी कर ली।
रोहित बहुत टूट गया था।प्रेम से अब उसका विश्वास उठ गया था।रिया की यादों को भुलाने के लिए उसने अपना शहर छोड़ दिया और बैंगलोर चला आया।
रोहित मन में यही सोच रहा था,कि एक तरफ रिया थी जिसने अपने स्वार्थ के लिए उससे प्यार किया पर और दूसरी तरफ नेहा है जो बिना किसी स्वार्थ के उससे प्यार करती है।वरना सुंदर है पढ़ी लिखी है उसे तो उससे बेहतर लड़के मिल जाएंगे।कोई इतना प्यार कैसे कर सकता है निःस्वार्थ भावना से?
"यार,किस सोच में डूबा है?"अजय रोहित के कंधे पे हाथ रखता हुआ बोला तो रोहित की तंद्रा टूटी वो यादों के झरोखे से बाहर निकल आया।उसने अजय को रिया की बेवफाई की सारी कहानी सुनाई।
"रोहित,कब तक रिया के सपनों में खोया रहेगा?आँखे खोल और नेहा को एक मौका दे।वो तेरा बहुत ध्यान रखेगी तुझसे बहुत प्यार करती है।सभी लड़कियाँ रिया जैसी बेवफा नहीं होती।"
अजय की बात सुनकर रोहित की आँखों में आँसू आ गए।शायद आज रोहित दूसरी मुहब्बत के लिए तैयार हो गया था।।उसका मन भी नेहा के लिए छटपटाने लगा।आज वो उस निःस्वार्थ प्रेम को अनुभव करना चाहता था।लंच के समय रोहित नेहा के पास गया और बोला-"नेहा आज शाम ऑफिस के बाद हम किसी रेस्टोरेंट में चलेंगे कॉफी पीने के लिए।तैयार रहना।तुम से कुछ जरूरी बात करनी हैं।"
अंधा क्या मांगें दो आंखें..नेहा तो कब से तरस रही थी,कि रोहित उसे कहीं घुमाने ले जाए?अकेले में कुछ बातें करे उससे..उसने खुशी खुशी हामी भर दी।
ऑफिस के बाद रोहित नेहा को रेस्टोरेंट में ले गया और बातों ही बातों में उसे अपने प्यार का इजहार कर दिया।आखिर नेहा की दोस्ती ने उसे मजबूर कर ही दिया,प्यार की बौछार में भीगने के लिए।
नेहा तो पहले से ही रोहित के प्यार में पागल थी आज उसकी स्वीकृति मिली तो खुशी से झूम उठी।रोहित से लिपटकर गुनगुनाने लगी..बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम..!!