Jitendra Meena

Abstract

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Jitendra Meena

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भारत की गिरती राजनीति

भारत की गिरती राजनीति

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ये 21 वीं सदी है यहाँ इन्सान की कीमत गिरती जा रही है, इन्सान की कीमत राजनीती के कारण गिर रही है, भारत की राजनीती कुछ इस तरह रूप ले रही है कि अधिकतर व्यक्ति अपने आप को असहाय महसूस कर रहे है जबकि राजनीती सभी लोगो के हितों को ध्यान मे रखकर की जाती है लेकिन समझ नही आ रहा है कि एक आदमी दूसरे आदमी की कीमत क्यो नही समझ रहा है, भारत मे गिरती मानवता की कोई पराकाष्ठा नही है वर्तमान समय को देखकर यही लगता है। धर्मवाद और जातिवाद दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है लोग इसके चंगुल मे फँसते जा रहे है। सही और गलत पहचान लोगो ने खो दी है, हाल ये है कि अगर मै किसी राजनेता के खिलाफ बोलता हूँ तो मेरी अगली सुबह ही ना होगी यानि मेरी हत्या करवा दी जायेगी। भारत मे राजनीती करने वाले लोग मानवता के सबसे बडे दुश्मन बन बैठे है।

राजनीति का गिरता स्तर देख मेरे मन मे कई सवाल घर कर जाते है ! 

क्या इस तरह की राजनीति का अंत होगा ?

क्या कोई मानवता की परिभाषा समझेगा, इंसानियत को अपनायेगा ?

फिलहाल देखकर तो ये नही लग रहा है की इसका अंत होगा। मुझे राजनीति को देखते-देखते कई बर्ष बीत चुके है लेकिन राजनीतिक स्तर सुधरने के बजाय बिगड़ता ही नजर आ रहा है इसका एक मुख्य कारण कट्टरपंथी और जातिवाद भी है। लोग जातिवाद मे भी सूक्ष्म जातिवाद ढूढ रहे है। प्रशासनिक सेवा मे बैठे लोग एक जाति विशेष को बढाबा दे रहे है, उनमे पढ़ लिखकर भी ज्ञान और समझ का अभाव है दिन रात लोगो के मन मे नकारात्मकता फैला रहे है। आज भारत की जो दुर्दशा है वो जातिवादियों और कट्टरपंथीयो की बजह से है इसमे किसी अन्य प्रकार का दृष्टिकोण देना उचित नही होगा। 

भारत के लिये सुखद खबर ये है कि विदेशों मे भारत की छवि को बहुत महत्त्व दिया गया है। 

उसका कारण है की अगर कोई देश किसी संकट मे है तो भारत मे उन्हे मदद पहुचाई है और इस मदद को भारत ने " मानवता मिशन " के तहत पहुंचाया है ताकि संकट मे भारत की वो भी मदद सके। सभी देश भारत की सराहना करते है।

वर्तमान समय मे भारत की विदेश नीतियाँ काफी मजबूत हुई है, जो देश एक धर्म विशेष को बढाबा देकर अपनी कट्टरता दिखा रहे है वो देश हर हाल मे भारत से नाखुश है। भारत कट्टरपंथियों को बढाबा नही देना चाहता। 

कट्टरपंथि मानवता के दुश्मन कभी भी बन सकते है भारत की वर्तमान राजनीति इस तरह की घटनाओं के खिलाफ सख्त है। भारत मे पल रहे कट्टरपंथी भारत के लिये ही हानिकारक साबित हो रहे है भारत मे रोज रोज आतंकी जैसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

ये सब इसलिये हो रहा है क्योकि एक धर्म विशेष के लोगो को दूसरे धर्म के कुछ लोगों का साथ मिल रहा है जिससे आतंकवादी जैसी घटनाएँ भारत मे घट रही है।

नक्सलवादी पनप रहे है ये उनकी समझ विकसित ना होने के कारण हो रहा है मानवता के दुश्मन बने बैठे है। वह अपनी सोच और कार्यों को हर हाल मे अंजाम देना चाहते है। वह खुद को बागी बोलकर अपने कार्यो को अंजाम देकर मानवता के खिलाफ है।

उनकी ये सोच खत्म कैसे हो अभी तक ये उपाय किसी ने नही सुझाया है ! राजनीति इसका फायदा उठा रही है।

राजनीति का तुच्छ स्तर इस तरह काफी हद तक कम किया जा सकता है :- 

1:- अपने समाज या गुट की भलाई के चक्कर मे देशहित को ताक पर रखना भी एक तुच्छ राजनीति का हिस्सा है ऐसा होने से रोका जाये।

2:- जिस पर एक हत्या या बलात्कार या आतंकवाद का मुकदमा दर्ज उसको राजनीति मे शामिल नही किया जाये।

3:- बलात्कारी,हत्यारों या आतंकी को कोई पार्टी सरंक्षण ना दे, उनको आजीवन जेल मे डाले।

4:- अपने वोटों के फायदे के लिये जातिवाद और धर्मवाद का इस्तेमाल नही किया जाये और ना ही किसी धर्म विशेष के आधार पर कोई लालच दिया जाये।

5:- जो भी कानून हो सबके लिये समान हो।

6:- जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना चाहिये जिससे जनसंख्या को भी नियंत्रित किया जा सके, अधिकतम 3 बच्चे हो।


7:- अपने क्षेत्र के लोगो कि आवाज को सुना जाये, क्षेत्र मे विकास किया जाये ताकि जनता का विश्वास बना रहे।


8:- राजनीति के फायदे के लिये कट्टरवाद और जातिवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल ना किया जाये।

इस तरह काफी और भी बदलाब करके राजनीति को एक सही दिशा दी जा सकती है और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लडी जा सकती है। इंसानियत को देशहित से भी ऊपर सम्मान दिया जाये, इस तरह एक गिरती हुई राजनीति को काफी हद तक सुधारा जा सकता है।


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