Jitendra Meena

Inspirational

4.5  

Jitendra Meena

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एक पक्षी का दर्द

एक पक्षी का दर्द

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यह कहानी एक पक्षी के दुख की है ! एक पक्षी था जिसे मे रोज देखता था वह एक एक तिनका लाकर अपना घर (घोंसला) बनाता था, उसने अपना घर (घोंसला) एक पेड पर बनाया था, अण्डे दिए बच्चे बने। उसे हमेशा डर बना रहता था कि कही उसके घर पर अचानक हमला न कर दे। उसके छोटे छोटे बच्चे भी उस घोंसले मे रहते थे तो उसे डर सताता रहता की कही मेरे बच्चों पर कोई खतरा न आ जाये, इसकी चिंता उसे हमेशा बनी रहती। कोई भी हो उसे अपने बच्चों की चिंता रहती ही है। वह पक्षी बच्चों के लिये भोजन की व्यवस्था करके लाता, बडी मेहनत करता। उस वक्त मै भी सोच रहा था " काश इन्सान इतनी मेहनत करता जितना पक्षी करते है, तो वह अपने जीवन के कई लक्ष्य हासिल कर लेता "

उस पक्षी की मेहनत देखकर बड़ा अचम्भा की जिस पर हमेशा खतरों का साया मंडराता रहता है वो भी अपने बच्चों को पालने के लिये कितनी मेहनत कर रहा है लेकिन हुआ ये की एक दिन तेज आँधी और बारिश ने उनका घर उजाड दिया, बच्चे आँधी से पेड़ से नीचे गिर गये और बारिश उसके बच्चों को साथ वहा ले गई, जब वह पक्षी अपने घर आया तो उसका घर मिला ही नहीं, वह तो अपने बच्चो के लिये खाने का इंतजाम करके आया था। उसे नहीं पता था की उसका घर उसे दुबारा बापस मिलेगा ही नहीं, उसे नहीं पता था की वह अपने बच्चो से दुबारा मिलेगा ही नहीं। उसने बच्चों की याद मे खाना पीना छोड़ दिया सिर्फ उसकी आंखो से आँसू ही निकलते रहते। वो अपने बच्चो की याद मे इतना डूबा की उसने खाना पीना छोड़ दिया। कुछ दिनो बाद उस पक्षी की भी भूख से मौत हो गई।

शिक्षा :- जिस तरह इंसानो के दुख होता है उसी तरह पक्षियों के भी दुख होता है उनको कभी सताना नहीं चाहिये, उनकी रक्षा करने हेतु हमे प्रयास करने चाहिये।


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